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होम्योपैथिक दवाओं को जीएसटी से बाहर रखें

डॉ अनुरुद्ध वर्मा

प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को पत्र लिखकर की गयी मांग

लखनऊ। होम्योपैथिक चिकित्सकों ने केन्द्र सरकार से होम्योपैथिक औषधियों पर जीएसटी न लगाने की मांग की है। इस सम्बन्ध में केन्द्रीय होम्योपैथी परिषद के वरिष्ठ सदस्य डॉ अनुरुद्ध वर्मा ने प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री को पत्र लिखा है।

20 से 25 प्रतिशत बढ़ जायेंगे दाम

पत्र में उन्होंने कहा है कि केन्द्र सरकार वस्तु एवं सेवा कर में एकरूपता लाने के लिए अनेक इस व्यवस्था में होम्योपैथिक औषधियों पर 12  प्रतिशत जीएसटी लगाया गया है, इससे होम्योपैथिक दवाइयों के मूल्य में 20-25 प्रतिशत की वृद्धि सम्भावित है। होम्योपैथिक औषधियों के मूल्यों में वृद्धि होने के कारण यह दवाइयां जनता की पहुंच से बाहर हो जायेंगी, जिससे उन्हें इस पद्धति द्वारा स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
उन्होंने कहा है कि अनेक वस्तुओं पर जीएसटी न लागू कर उन्हें इस व्यवस्था से बाहर रखा गया है, जिससे उनके मूल्य में वृद्धि नहीं होगी और जनता को वह वस्तुए कम मूल्यों पर उपलब्ध हो सकेंगी। केन्द्र सरकार होम्योपैथी पद्धति को बढ़ावा देने के लिए अनेक सार्थक कदम उठा रही है। होम्योपैथी दवाइयों पर 12 प्रतिशत जीएसटी लागू कर देने से इसका सीधा भार जनता पर पड़ेगा, जिससे सरकार के प्रयासों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और इससे होम्योपैथी की लोकप्रियता भी प्रभावित होगी। उन्होंने कहा है कि सरकार की इस व्यवस्था से होम्योपैथी चिकित्सकों में रोष व्याप्त है।
उन्होंने कहा है कि देश की जनता को होम्योपैथी जैसी सरल, सुलभ एवं दुष्परिणाम रहित पद्धति का पूरा लाभ मिल सके। इसलिए इसे जीएसटी के दायरे से बाहर रखा जाना चाहिए, जिससे देश की जनता को होम्योपैथी से कम लागत में उपचार की सुविधा मिल सके और सरकार को होम्योपैथी को विकास के रास्ते पर ले जाने का संकल्प भी पूरा हो सके।

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