-विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर आयोजित सेमिनार में बोलीं डॉ निरुपमा मिश्रा ने

सेहत टाइम्स
लखनऊ। तंबाकू सेवन से जहां बांझपन का खतरा है, वहीं इसके दुष्प्रभाव से गर्भवती महिलाओं में भूख की कमी हो जाती है और उनमें रक्ताल्पता (एनीमिया) भी बढ़ जाती है, जिसके फलस्वरूप होने वाली संतान प्रीमेच्योर, कमजोर पैदा हो सकती है।
यह जानकारी विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के उपलक्ष्य में पिछले दिनों श्रीराम मूर्ति इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज बरेली में आयोजित सेमिनार में राजेश्वरी हेल्थ केयर लखनऊ की डायरेक्टर डॉ निरुपमा मिश्रा ने दी। डॉ निरुपमा ने बताया कि रिसर्च बताती है कि तम्बाकू के सेवन से गर्भपात भी हो सकता है। डॉ निरुपमा मिश्रा ने अपने रिसर्च पेपर में इनके बढ़ते आंकड़ों का उल्लेख किया और माताओं को इस विषय में जागरुकता बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2023 की थीम भी यही है” हमें भोजन की आवश्यकता है तंबाकू की नहीं।” डॉ निरुपमा ने कहा कि इस विषय में तंबाकू उत्पादों की वजह से कृषि उद्योग को होने वाले नुकसानों की ओर भी जागरूकता फैलाना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि ऐसा देखा गया है कि गर्भवती महिलाएं कुछ दवाएं डाक्टर की सलाह के बिना इस्तेमाल करतीं हैं जो गर्भस्थ शिशु को नुक्सान पहुंचाती हैं, इसलिए इन दवाओं का भी सेवन सावधानी से डॉक्टर की सलाह करें। उन्होंने कहा कि उपरोक्त विषयों पर कुछ शोध हुए हैं जो इस तथ्य की पुष्टि करते हैं कि धूम्रपान गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक है पर गुटका/पान-मसाले इत्यादि तंबाकू उत्पादों पर , इसके दुष्प्रभाव को देखते हुए और शोध और जागरूकता की आवश्यकता है।

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