-मानस गार्डन वेलफेयर सोसायटी ने लगाया मुफ्त स्वास्थ्य कैम्प
सेहत टाइम्स
लखनऊ। राजधानी लखनऊ के मानस गार्डन कॉलोनी में फ्री मेडिकल कैम्प का आयोजन मानस गार्डन वेलफेयर सोसायटी (एमजीवीएस) ने किया। शिविर में आए लोगों के ज्यादातर ब्लड टेस्ट फ्री हुए जबकि कुछ टेस्ट काफी रियायती दर पर किए गए। मेडिकल कैम्प में आए आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. मनीष पांडेय ने कहा कि अगर आपकी लाइफस्टाइल सही नहीं है यानी कि आप सही समय पर सोते या उठते नहीं हैं या सही डाइट फॉलो नहीं करते हैं और एक्सरसाइज से दूर रहते हैं तो आपको गठिया हो सकती है। यह एक ऑटो इम्यून बीमारी है, जिसका मतलब है जो इम्यून सिस्टम आपकी रक्षा करता है वही आपके जॉइंट्स को मजबूत रखने वाले टिश्यू पर हमला करने लगता है। इस बीमारी में जोड़ों में सूजन, अकड़न और दर्द होता है। साथ ही अगर आपके परिवार में पहले भी किसी को गठिया है तो आपको ये रोग होने का खतरा और बढ़ जाता है। इसलिए जल्दी से लाइफ स्टाइल बदलकर गठिया बीमारी से खुद को बचाया जा सकता है।
पीडियाट्रिक विशेषज्ञ डॉ. सुनील ने तेजी से पसर रही डेंगू जैसी खतरनाक बीमारी के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति डेंगू से खुद का बचाव तभी कर सकता है जब वो इस संक्रमण के बारे में इसके लक्षणों से लेकर बचाव तक के उपाय के बारे में सही जानकारी रखता हो। बच्चों में डेंगू के लक्षण बड़ों की तुलना में अलग होते हैं। बच्चों में उल्टी और त्वचा के नीचे रक्तस्राव की समस्या अधिक देखने को मिलती है जबकि वयस्कों में मिचली और आंखों के पीछे दर्द जैसे लक्षण देखे जाते हैं। डेंगू संक्रमण होने पर बच्चों को तेज बुखार के साथ पेट में तेज दर्द, मसूड़ों या नाक से खून आना, उल्टी या मल में खून आना, बेचैनी-सुस्ती या चिड़चिड़ापन की समस्या देखी जा सकती है। जिसके बाद रोगी की तुरंत जांच करवाना आवश्यक हो जाता है।
जनरल फिजिशियन डॉ. केएल मिश्र ने कहा कि डायबिटीज गलत लाइफस्टाइल और गलत खान-पान की वजह से होती है, इसलिए लाइफस्टाइल और खान-पान में सुधार कर इसे रोका जा सकता है। डायबिटीज तब होती है जब पैंक्रियाज से इंसुलिन हार्मोन कम बनता है या बनता ही नहीं है या बनने के बावजूद शरीर इसका प्रतिरोध करने लगता है। इसके लिए मुख्य रूप से क्या जिम्मेदार है, इसका पता अभी तक नहीं चल पाया है लेकिन गलत खान-पान और लाइफस्टाइल इसके लिए जिम्मेदार हैं। वह कहते हैं कि केवल पांच बदलाव करके इससे बचा जा सकता है। पहला- मॉर्निंग वॉक करें और फिजिकली एक्टिव रहें। दूसरा-वजन कंट्रोल करें और तीसरा प्लांट आधारित खानपान रखें। चौथा- यदि आपको डायबिटिज से दूर रहना है तो हेल्दी खाने की आदत डालनी पड़ेगी और पांचवा आपको बाजार में बिक रहे जंक फूड और प्रोडक्ट से दूर रहना होगा।
न्यूरो सायक्रेट्री विशेषज्ञ डॉ. विजित जायसवाल कहते हैं कि यदि कोई भी व्यक्ति तनावपूर्ण और उदास रहने लगे और लोगों से दूर अकेले रहना पसंद करने लगे तो समझिए उसमें डिप्रेशन के लक्षण हैं। साथ ही उन सभी चीजों में रुचि खो देना जो एक समय में आपके पसंदीदा हुआ करते थें। इसके अलावा सांस फूलने और हार्ट बीट बढ़ने जैसी समस्याएं भी दिखने लगती हैं। ऐसे में व्यक्ति सुस्ती और ऊर्जा की कमी महसूस करने लगता है। डिप्रेशन का मुख्य लक्षण कम नींद आना या जरूरत से ज्यादा नींद आने से शुरू होता है। कई बार व्यक्ति में डाइट या तो सामान्य से कम हो जाता है या जरूरत से ज्यादा बढ़ जाता है। वहीं लम्बे समय तक डिप्रेशन में रहने के कारण मुंह सूखने लगता है और चक्कर भी आने लगता है। इस दौरान मरीज के मांसपेशियों में तनाव, छाती में खिंचाव और अधिक थकान महसूस होने लगता है। इससे बचने के लिए कड़ी मशक्कत की जरूरत नहीं है, लेकिन मरीज इसे कर ले तो वो इस बड़ी बीमारी से उबर सकता है। मेडिटेशन करें, खुद को शारीरिक रूप से सक्रिय रखें, रात को समय पर सोए और खुद के लिए वक्त बिताएं। साथ ही प्रकृति के पास जाएं और अपने पसंदीदा कार्य को भी समय दें। इस कैम्प को सफल बनाने में एमजीवीएस के रवींद्र प्रजापति, चंचल सिंह, टीएन चौबे, अखिल तिवारी, अवनीश तिवारी, प्रगति सिंह, राघवेंद्र, विजय शंकर सिंह, अभिषेक सिंह, सुभाष चंद्र, संतोष मिश्र, गोविंद पांडेय, योगेंद्र सिंह, अशोक पांडेय, भौमेंद्र शुक्ल और एसएन जायसवाल उपस्थित रहे।
पेट्स के लिए भी था इंतजाम
मानस गार्डन के फ्री मेडिकल कैम्प में डॉ. राजेश सिंह और विभा सिंह के निर्देशन में पेट्स के लिए विशेषज्ञों की टीम जमा थीं। उन्होंने जहां पेट्स को फ्री रैबीज इंजेक्शन और कीड़े की दवा खिलाई। साथ ही कैम्प में आईं कम्पनियों ने अपने कई उत्पाद मुफ्त में बांटें।
इस मौके पर रजत श्रीवास्तव, सौरभ शर्मा, सुनील कुमार, वेदप्रकाश, नरेंद्र वर्मा, शोभरन ने अपने दोनों वरिष्ठ चिकित्सकों का साथ दिया।इस कैम्प में केएलएम पैथॉलोजी की टीम ने शुगर, कोलेस्ट्रॉल और हीमोग्लोबिन जैसी जांच मुफ्त में किया। साथ ही अन्य जांचों पर केएलएम की टीम ने अपनी फीस आधी रखी थी। केएलएम की टीम में बृजेश मिश्र, सचिन यादव और अमित प्रजापति पूरे समय कैम्प में रहे।