Wednesday , October 11 2023

केजीएमयू में पहली बार हाईब्रिड हार्ट सर्जरी से मिला 8 वर्षीय बच्‍चे को नया जीवन

-चार विभागों के डॉक्‍टरों की संयुक्‍त टीम की गयी गठित, एक के बाद एक दो ओटी में की गयी सर्जरी, दस दिन तक आईसीयू में भी बड़ी टीम ने की देखरेख

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में पहली बार डॉक्टरों की टीम ने सफलतापूर्वक हाईब्रिड हार्ट सर्जरी कर 8 साल के बच्चे की जान बचाई है। बेहद जटिल और चुनौतीपूर्ण सर्जरी में शामिल रही पूरी टीम को कुलपति ले.ज.डॉ बिपिन पुरी ने भी बधाई दी है।  

केजीएमयू द्वारा जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी देते हुए बताया है कि सिधौली, सीतापुर निवासी मनीष (8 वर्षीय) जब केजीएमयू के बाल रोग विभाग में आया था उस समय उसका रंग नीला हो रहा था, बच्‍चे को सांस लेने में कठिनाई हो रही थी उसका ऑक्‍सीजन लेवल सिर्फ 50 से 60 प्रतिशत ही था। बच्‍चे को डॉ माला कुमार और डॉ शालिनी की देखरेख में भर्ती किया गया था। जांच में पाया गया कि बच्‍चे को जटिल जन्‍मजात बीमारी टेराटोलॉजी ऑफ फैले विद मेजर मैपका Teratology of Fallot with major mapca  है। बच्‍चे के उपचार के लिए ओपन हार्ट सर्जरी की जानी थी लेकिन मेजर मैपका होने के कारण यह आसान नहीं था।

इसके बाद गहन लम्‍बे मंथन के बाद डॉक्‍टरों की एक टीम तैयार करने का फैसला लिया गया, इस टीम में कार्डियक एनेस्‍थीसिया, कार्डियोलॉजी, कार्डियक सर्जरी और पीडियाट्रिक्‍स के चिकित्‍सकों को शामिल किया गया। सबसे पहले चुनौती थी मैपका कॉयलिंग, क्‍योंकि ऐसे बीमार रोगी में मैपका कोइलिंग भी जीवन के लिए खतरा था। बहुत विचार-मंथन चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया कि चूंकि मैपका कोइलिंग के बाद फेफड़ों में लगभग कोई रक्त प्रवाह नहीं होगा जिससे बच्चे को जिंदा रखना बहुत मुश्किल हो जायेगा, तो ऐसे में एक ही दिन में एक के बाद एक यानी हृदय रोग विशेषज्ञ द्वारा मैपका कोइलिंग और तुरंत बाद कार्डियक सर्जन द्वारा ओपन हार्ट सर्जरी की जाये।

विज्ञप्ति के अनुसार बीती एक मार्च को दोनों तरह के दोनों प्रक्रियाओं की योजना बनाई गयी। कार्डियोलॉजी ओटी दूसरी मंजिल में प्रो जीपी सिंह और डॉ करण कौशिक की कार्डियक एनेस्‍थीसिया टीम ने सुबह बच्चे को बेहोश करने की क्रिया शुरू की फि‍र कार्डियोलॉजी टीम के डॉ गौरव चौधरी और डॉ अखिल शर्मा द्वारा दाहिने फेफड़े की आपूर्ति करने वाले एमएपीसीए को सफलतापूर्वक कॉइल किया गया था। इसके बाद अब चुनौती मिनटों में तुरंत ओपन हार्ट सर्जरी करने की थी क्योंकि बच्चा न्यूनतम ऑक्सीजन स्तर पर था।

इसके बाद पूरे हाई कार्डियक सपोर्ट जनरल एनेस्थीसिया के साथ पहली मंजिल पर ओटी में मरीज की शिफ्टिंग की गई और 10 मिनट के भीतर कार्डिएक सर्जरी टीम के प्रो. एस.के. सिंह, डॉ सर्वेश कुमार और डॉ राहुल ने ओपन हार्ट सर्जरी शुरू की। बच्चे को तुरंत हार्ट लंग बाईपास मशीन पर ले जाया गया, जिसे मनोज और उनकी टीम ने मैनेज किया। 4 घंटे की सफल ओपन हार्ट सर्जरी चली और शाम 6:30 बजे मरीज को आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया। सर्जरी के बाद मरीज को 4 विभागों के डॉक्टरों डॉ सर्वेश, डॉ भूपेंद्र और कार्डियक सर्जरी से डॉ जीशान, पीडिया से डॉ शालिनी, एनेस्थीसिया से डॉ करण और कार्डियो से डॉ अखिल के साथ नर्सिंग स्टाफ सिस्टर इंदु और टीम की देखरेख में आईसीयू में शिफ्ट किया गया। दस दिनों तक गहन आईसीयू में रखने के बाद बच्‍चा पूरी तरह स्‍वस्‍थ हो गया और उसे 11 मार्च को आईसीयू से बाहर कर दिया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.