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कनाडा के ऑन्‍टेरियो प्रांविस की सरकार ने किया डॉ गिरीश गुप्ता को सम्मानित

स्त्री रोगों के साक्ष्य सहित होम्योपैथिक उपचार के लिए दिया सम्मान


सेहत टाइम्स

लखनऊ। गौरांग क्‍लीनिक एंड सेंटर फॉर होम्‍योपैथिक रिसर्च (जीसीसीएचआर) के संस्‍थापक व चीफ कन्‍सल्‍टेंट डॉ गिरीश गुप्‍ता को उनके स्‍त्री रोगों के साक्ष्‍य सहित होम्‍योपैथिक उपचार को लेकर किये गये सफल शोध कार्यों पर अपनी मान्‍यता देते हुए कनाडा के ऑन्‍टेरियो प्रांविस की सरकार ने सम्‍मानित किया है। यह सम्‍मान डॉ गुप्‍ता को रविवार को स्‍त्री रोगों में साक्ष्‍य आधारित होम्‍योपैथी विषय पर आयोजित इंटरनेशनल लाइव वेबिनार में दिया गया।

इस वेबिनार में भाग लेते हुए ऑन्‍टेरियो होम्‍योपैथि‍क मेडिकल एसोसिएशन की प्रेसीडेंट डॉ सरोज गांधी ने यह सम्मान प्रदान किया। मिसिसौगा-स्‍ट्रीट्सविले के मेम्‍बर ऑफ प्रॉविन्शियल पार्लियामेंट नीना टांगड़ी द्वारा जारी सम्‍मान पत्र में कहा गया है कि स्‍त्री रोगों के होम्‍योपैथिक दवाओं से सफल ट्रीटमेंट के साक्ष्‍य सहित आपकी प्रस्‍तुति के लिए ऑन्‍टेरियो सरकार की ओर से आपके कार्यों को रिकग्‍नाइज करते हुए सरकार आपको बधाई दे रही है साथ ही भविष्‍य के कार्यों के लिए शुभकामनाएं भी प्रेषित करती है।

भारतीय समयानुसार रात्रि 8.30 से रात्रि 10.35 तक चले वेबिनार में देश-विदेश के चिकित्‍सकों ने लाइव जुड़कर डॉ गुप्‍ता के प्रेजेन्‍टेशन को देखा। इस प्रेजेन्‍टेशन में डॉ गुप्‍ता ने यूट्राइन फायब्रायड, ओवेरियन सिस्‍ट, ब्रेस्‍ट लीजन्‍स और पीसीओडी के दो-दो मॉडल केसेज के बारे में विस्‍तार से जानकारी दी। डॉ गुप्‍ता ने मरीज के रोग को लेकर इलाज शुरू करने से पूर्व और इलाज करने के बाद से सम्‍बन्धित अल्‍ट्रासाउंड फोटो, रिपोर्ट्स प्रस्‍तुत कीं। डॉ गुप्‍ता ने बताया कि इन मरीजों के रोग के कारणों में उनकी वर्तमान और पूर्व में रही उनकी मनःस्थिति की भूमिका भी महत्वपूर्ण पायी गयी। उन्होंने बताया कि उपचार के लिए होलिस्टिक एप्रोच यानी शारीरिक और मानसिक लक्षणों को केंद्र में रखकर दवा का चुनाव किया गया। डॉ  गुप्‍ता ने स्लाइड के माध्यम से  बताया कि महिलाओं के इन रोगों में माइंड की भूमिका अत्‍यन्‍त महत्‍वपूर्ण है, और किस तरह मन में आये विचार का असर दिमाग पर, उसके बाद हार्मोन्‍स पर और फि‍र शरीर के विभिन्‍न अंगों पर पड़ता है, जिससे उस अंग में रोग पनपता है। उन्‍होंने बताया कि होम्‍योपैथिक के जनक डॉ सैमुअल हैनिमैन का कहना था कि मरीज के लिए दवा का चुनाव करते समय होलिस्टिक अप्रोच रखनी चाहिये। डॉ गुप्‍ता ने बताया कि होम्‍योपैथिक के इसी क्‍लासिक सिद्धांत को अपना कर ही उन्‍होंने अपने सफल कार्य को अंजाम दिया। अपने प्रेजेंटेशन में डॉ गुप्‍ता ने यूट्राइन फायब्रायड, ओवेरियन सिस्‍ट, ब्रेस्‍ट लीजन्‍स और पीसीओडी पर की गयी रिसर्च के पेपर्स का प्रतिष्ठित जर्नल्‍स में प्रकाशन, उनके कन्‍क्‍लूजन रिर्मार्क सहित प्रस्‍तुत किये।
डॉ गुप्‍ता के प्रेजेन्‍टेशन की खास बात यह थी कि इसमें ऐसे साक्ष्‍य प्रस्‍तुत किये गये जिनको देखने के बाद लोगों के मन में उठने वाले सवालों का उत्‍तर स्‍वत: ही मिल गया। दो-तीन लोगों ने जिज्ञासावश जो सवाल किये उनका जवाब डॉ गुप्‍ता ने दिया।

वेबिनार में मॉडरेटर की भूमिका डॉ भूपिन्‍दर शर्मा ने निभायी उनके अतिरिक्‍त साइंटिफि‍क कमेटी के चेयरमैन प्रो डॉ मुक्तिन्‍दर सिंह, आईआईएचपी के मिशन डायरेक्टर प्रो डॉ तनवीर हुसैन, आईआईएचपी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष डॉ एमए राव तथा ओएमएचए के डॉ जावेद सहित  देश-विदेश के अनेक चिकित्‍सक मौजूद रहे।

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