लखनऊ। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान एसजीपीजीआई में एक मरीज के गुर्दा प्रत्यारोपण के दौरान गलत किडनी जुड़ गयी। मरीज की हालत बिगडऩे पर चिकित्सकों को अपनी गलती का अहसास हुआ तो फिर से पेट खोलकर किडनी की धमनियों को सही प्रकार से जोड़ा गया।
मिली जानकारी के अनुसार नेफ्रोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो.आरके शर्मा के अंडर में भर्ती हुई मरीज मिनानी का किडनी प्रत्यारोपण बीती 8 मई को हुआ था, ऑपरेशन थियेटर में डॉक्टरों ने किडनी गलत जोड़ दी, लिहाजा केेटीयू में आने के बाद मरीज की हालत बिगडऩे लगी और बहुत सीरियस होने पर डॉक्टरों ने जांच की तो पता चला कि धमनियां गलत जुड़ गई हैं। डॉक्टरों ने गलती को भांपते हुए आनन फानन में रात नौ बजे मरीज को दोबारा ओटी लाया गया, मरीज का दोबारा पेट खोल कर प्रत्यारोपित किडनी को सही किया गया है। इस संबन्ध में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो.अमित अग्रवाल का कहना है कि गलत किडनी जोडऩे का आरोप निरर्थक है। किडनी फेल्योर मरीजों का ब्लीडिंग सिस्टम खराब हो चुका होता है, इसलिए कई मरीजों में ब्लीडिंग हो जाती है, एेसे मरीजों में दोबारा पेट खोलकर ब्लड के क्लॉट निकालने पड़ते हैं।

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