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डॉ सूर्यकान्त सी वी रमन प्राइज से सम्‍मानित

-उल्लेखनीय शोध के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्चर्स ने दिया सम्‍मान

 

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्पाइरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सूर्यकान्त को हाल ही में इंस्टीट्यूट ऑफ रिसचर्स द्वारा “सी वी रमन प्राइज’’  से सम्मनित किया गया। यह अवॉर्ड चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों और चिकित्सा क्षेत्र में शोध कार्यों की उपलब्धियों के लिए प्रदान किया गया है।

भारत के सबसे प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों में से एक नोबेल पुरस्कार विजेता भौतिक विज्ञानी, सर चंद्रशेखर वेंकट रमन, जिन्हें सी वी रमन के नाम से ज्यादा जाना जाता है। इनका जन्म 7 नवंबर, 1888 को हुआ था और निधन 1970 में हुआ था। उन्होंने प्रकाश के प्रकीर्णन को देखकर प्रकाश की क्वांटम नेचर के एविडेंस की खोज की, एक ऐसा इफेक्ट जिसे रमन इफेक्ट के रूप में भी जाना जाता है। उन्हें 28 फरवरी 1928 को फिजिक्स के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार दिया गया। यह पुरस्कार उन्हीं के प्रेरणा स्वरूप चिकित्सा क्षेत्र में शोध कार्यों के प्रोत्साहन के लिए प्रदान किया जाता है।

ज्ञात रहे कि डॉ0 सूर्यकान्त को स्टैनफोर्ड, यूनीवर्सिटी, अमेरिका द्वारा चयनित विश्व के सर्वोच्च 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों की श्रेणी में भी स्थान प्राप्त हुआ है। डॉ0 सूर्यकान्त के0जी0एम0यू0 के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में लगभग 18 वर्ष से प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं एवं 12 वर्ष से विभागाध्यक्ष के पद पर सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। इसके अलावा चिकित्सा विज्ञान सम्बंधित विषयों पर 19 किताबें भी लिख चुके हैं तथा एलर्जी, अस्थमा, टी.बी. एवं लंग कैंसर के क्षेत्र में उनके अब तक लगभग 700 से अधिक शोध पत्र राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय जनरलस में प्रकाशित हो चुके हैं। साथ ही 2 अंतर्राष्ट्रीय पेटेन्ट का भी उनके नाम श्रेय जाता है। लगभग 200 एमडी/पीएचडी विद्यार्थियों का मार्गदर्शन, 50 से अधिक परियोजनाओं का निर्देशन, 20 फैलोशिप्स, 15 ओरेशन एवार्ड का भी श्रेय उनके नाम ही जाता है, तथा इससे पहले भी अमेरिकन कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन, इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन, इण्डियन चेस्ट सोसाइटी, नेशनल कालेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन आदि संस्थाओं द्वारा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 20 फैलोशिप सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें उ0प्र0 सरकार द्वारा विज्ञान गौरव अवार्ड (विज्ञान के क्षेत्र में उ0प्र0 का सर्वोच्च पुरस्कार) और केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा एवं उ0प्र0 हिन्दी संस्थान से भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें अब तक अन्तरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तर की विभिन्न संस्थाओं द्वारा लगभग 181 पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।

डा0 सूर्यकान्त कोविड टीकाकरण के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के ब्रांड एंबेसडर भी हैं। इसके साथ ही चेस्ट रोगों के विशेषज्ञों की राष्ट्रीय संस्थाओं इण्डियन चेस्ट सोसाइटी, इण्डियन कॉलेज ऑफ एलर्जी, अस्थमा एण्ड एप्लाइड इम्यूनोलॉजी एवं नेशनल कालेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन (एन0सी0सी0पी0) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं तथा इण्डियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन के मेडिकल साइंस प्रभाग के भी राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके है। वे पिछले 25 वर्षों से अधिक समय से अपने लेखों व वार्ताओ एवं टी.वी. व रेडियों के माध्यम से लोगो में एलर्जी, अस्थ्मा, टी.बी, कैंसर जैसी बीमारी से बचाव व उपचार के बारे में जागरूकता फैला रहे है। डॉ सूर्यकान्‍त को इसके साथ ही कई मीडिया हाउस द्वारा भी विभिन्‍न सम्‍मान दिये गये हैं इनमें एक सम्‍मान में उन्‍हें भारत के प्रसिद्ध शीर्ष 58 लोगों में शामिल किया गया है जो भारत के विभिन्न क्षेत्रों और स्थानों में काम कर रहे हैं। एक अन्‍य सम्‍मान में समाज के विभिन्न वर्गों के उच्चस्तरीय 75 हीरो में डॉ0 सूर्यकान्त को शामिल किया, इसके अलावा एक सम्‍मान में उन्‍हें 30 शीर्ष हेल्थ केयर की लिस्ट में शामिल किया गया है।

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