-संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग/संविदा कर्मचारी संघ ने कहा, यूपी में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन सभी राज्यों से कम

सेहत टाइम्स
लखनऊ। संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग/संविदा कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश ने मुख्यमंत्री से पेश किये जाने वाले बजट में प्रदेश के लाखों आउटसोर्स कर्मचारियों का वेतन बढ़ाते हुए न्यूनतम वेतन को कम से कम रु 20000 प्रतिमाह निर्धारित किए जाने का प्रावधान रखने का आग्रह किया है।


संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग/संविदा कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश के महामंत्री सच्चितानंद मिश्र ने मुख्यमंत्री को 18.02.2025 को लिखे पत्र में यह मांग की है कि प्रदेश में लगभग 8 लाख आउटसोर्स कर्मचारी विभिन्न राजकीय विभागों में अलग-अलग पदों पर कार्य कर रहे हैं, जिनको काम के बदले वेतन बेहद कम वेतन मिलता है। उनका कहना है कि आउटसोर्सिंग व्यवस्था में कर्मचारियों का पदानुसार वेतन निर्धारण नहीं हुआ है जिस कारण से सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतनमान ही भुगतान किया जाता है। उन्होंने लिखा है कि उत्तर प्रदेश सरकार का न्यूनतम वेतनमान 10700 रुपए है जबकि अन्य प्रदेशों में यह वेतनमान लगभग 18000 रुपए प्रतिमाह है। इस प्रकार उत्तर प्रदेश का न्यूनतम वेतनमान बेहद कम है। सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले बजट में सभी वर्गों को ध्यान में रखकर बजट जारी किया जाता है तथा सदन में बजट पर चर्चा होती है।
उन्होंने लिखा है कि संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ आपसे मांग करता है कि सर्व समाज की तरह बजट में प्रदेश के लाखों आउटसोर्स कर्मचारियों का वेतन बढ़ाए जाने तथा उत्तर प्रदेश सरकार के न्यूनतम वेतन को कम से कम रु 20000 प्रतिमाह निर्धारित किए जाने के संबंध में निर्णय लिया जाए तथा आउटसोर्सिंग जैसे महत्वपूर्ण विषय पर सदन में चर्चा की जाए, जिससे कि लाखों युवाओं का विश्वास सरकार पर बना रहे।
