-एचओसीएम, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के साथ ही अन्य बीमारियों से हो गयी थी गंभीर स्थिति

सेहत टाइम्स
लखनऊ। केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में स्थित TVU (Trauma Ventilatory Unit) के डॉक्टरों ने एक बार फिर गंभीर रूप से बीमार मरीज की जान बचाकर उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। यह मामला विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण था क्योंकि मरीज का वजन 130 किलोग्राम (बीएमआई 45) से अधिक था और उसे कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी थीं। प्राथमिक स्थिति हृदय रोग एचओसीएम (एक बीमारी जिसमें हृदय की मांसपेशी असामान्य रूप से मोटी हो जाती है) थी, साथ ही सांस लेने में कठिनाई (ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का एक ज्ञात मामला) थी। मरीज को शॉक भी लग रहा था और बीपी बढ़ाने वाली दवाओं की उच्च खुराक के बावजूद वह रक्तचाप को नियंत्रित रखने में असमर्थ था।


मरीज को पहले केजीएमयू के कार्डियोलॉजी विभाग में भर्ती कराया गया, फिर उसे आपातकालीन चिकित्सा विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां उसे अपर्याप्त ऑक्सीजन के स्तर के कारण इंट्यूबेट किया गया और वेंटिलेटर पर रखा गया। बाद में उसे टीवीयू ले जाया गया, जहां वह छह दिनों तक वेंटिलेटर पर रहा, और उसका हृदय संबंधी उपचार जारी रहा। इसके बाद, उसे तीन दिनों के लिए एनआईवी और दो दिनों के लिए एचएफएनसी के साथ एक्सट्यूबेट किया गया और सपोर्ट दिया गया, जिससे ऑक्सीजन की आवश्यकता में लगातार कमी देखी गई। रोगी की हालत में धीरे-धीरे सुधार हुआ और 17/02/25 तक उसे स्थिर महत्वपूर्ण संकेतों, हृदय संबंधी दवाओं और घर पर BiPAP के उपयोग की सिफारिश के साथ छुट्टी दे दी गई।
TVU के प्रभारी डॉ ज़िया अरशद ने इस सफलता का श्रेय उपचार करने वाले चिकित्सकों की टीम जिसमें प्रमुख रूप से डॉ शशांक, डॉ खुशबू, डॉ स्वाति, डॉ अंकुर एवं डॉ आशुतोष शामिल थे, को देते हुए बताया कि टीम वर्क से ही इस प्रकार की सफलता मिलती है। कुलपति केजीएमयू प्रो सोनिया नित्यानंद ने डॉ जिया अरशद एवं पूरी टीम को सफल चिकित्सा के लिए बधाई दी।
