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केजीएमयू में भी आया फीटस इन फीटू का मामला, सफलतापूर्वक की गयी सर्जरी

-सिद्धार्थनगर के रहने वाले दम्‍पति की 13 माह की बच्‍ची को थी आठ माह से शिकायत

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी केजीएमयू में भी फीटस इन फीटू का एक केस सामने आया है, 13 माह की बच्‍ची के पेट से बड़ी गांठ (जिसमें हड्डी एवं शरीर के अन्य भाग बाल, आंत भी विकसित थे) सर्जरी कर निकाली गयी है। पीडियाट्रिक सर्जरी के विभागाध्‍यक्ष प्रो जेडी रावत व उनकी टीम ने यह दुर्लभ सर्जरी सफलता पूर्वक की है। ज्ञात हो पिछले दिनों प्रयागराज में भी फीटस इन फीटू का मामला सामने आया था, वहां सात माह के पुरुष शिशु की सर्जरी की गयी थी।

मिली जानकारी के अनुसार सिद्धार्थनगर निवासी सहजाद आलम और रहीमा खातून अपने 13 महीने की छोटी बेटी को लेकर काफी परेशान थे, पिछले 5 महीने से उम्र के साथ बेटी के पेट में सूजन लगातार बढ़ती जा रही थी। माता-पिता ने काफी जगह बच्चे के इलाज कराया परन्तु कुछ आराम नहीं मिला, अपितु बच्चे के पेट की सूजन लगातार बढ़ती गयी तथा बच्ची की हालत भी नाजुक होती चली गयी थी। यही नहीं बच्ची कुछ खा पी भी नहीं पा रही थी, जिसकी वजह से बच्ची का वजन भी लगातार कम हो रहा था।

परेशान मां-बाप गंभीर हालत में बच्ची को लेकर केजीएमयू लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर पहुंचे, उसके बाद बच्ची को पीडियाट्रिक सर्जरी के प्रोफेसर जे डी रावत की टीम में भर्ती किया गया, जांच के बाद पता चला कि‍ बच्ची के पेट में बड़ी सी गाँठ है जो बड़ी नसों, धमनियां, बाएं गुर्दे, तथा बाएं फेफड़े की झिल्ली से चिपकी हुई थी।

प्रोफेसर जे डी रावत एवं उनकी टीम ने बच्ची का बीती 31 जुलाई को ऑपरेशन किया। प्रोफेसर जे डी रावत ने कैंसर की गाँठ को सफलता पूर्वक बड़ी नसों, धमनिया तथा बाएं गुर्दे को बचते हुए निकाल दिया, जिसमें 3 घंटे का समय लगा। बच्चा वार्ड में अभी स्थिर हालत में है तथा स्वास्‍थ्‍य में सुधार हो रहा है। सर्जरी करने वाली टीम में पीडियाट्रिक सर्जरी के प्रोफेसर जे डी रावत, डॉ सर्वेश कुमार गुप्ता, अंजू सिस्टर तथा निश्‍चेतना विभाग से डॉ सतीश वर्मा शामिल थे।

इस बीमारी को फ़ीटस इन फिटु (Fetus in fetu) कहते हैं। क्योंकि इस गाँठ में हड्डी एवं शरीर के अन्य भाग बाल, आंत भी विकसित थे। यह एक विरल असाधारण बीमारी होती है। जो कि पांच लाख में से एक बच्‍चे में पायी जाती है।

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