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विकसित राष्ट्रों की तर्ज पर यूपी में फार्मेसिस्टों की भूमिका बढ़ाने की पक्षधर हैं अपर्णा यादव

-विश्व फार्मासिस्ट दिवस पर फार्मासिस्ट फेडरेशन, खुशी फॉउण्डेशन, मेदांता अस्पताल के संयुक्त तत्वावधान में सेमिनार आयोजित

सेहत टाइम्स

लखनऊ। विकसित राष्ट्रों की तर्ज पर प्रदेश में फार्मेसिस्टों की भूमिका बढ़ाने के लिए हमारी सरकार प्रयास करेगी, जल्द ही पूरी रूपरेखा बनाकर मुख्यमंत्री से वार्ता करूंगी। आज विश्व फार्मेसिस्ट दिवस के अवसर फार्मेसिस्ट फेडरेशन एवं खुशी फाउण्डेशन द्वारा मेदांता हॉस्पिटल में आयोजित वैज्ञानिक सेमिनार को संबोधित करते हुए राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव ने उक्त बाते कहीं।

उन्होंने कहा कि फार्मेसिस्ट के जिम्मे समाज को स्वस्थ रखने की बड़ी जिम्मेदारी है जो वो पूरी तरह निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि फार्मेसिस्ट को फार्मेसी अधिकारी पदनाम दिलाने, आयुष्मान आरोग्य मंदिर में फार्मेसिस्ट की नियुक्ति का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि महिला आयोग फार्मेसिस्ट फेडरेशन के साथ मिलकर ग्रामीण महिलाओं के स्वास्थ्य की रक्षा और दवा के प्रतिकूल प्रभाव को रिपोर्ट करने की संस्कृति विकसित की जायेगी।

खुशी फॉउण्डेशन से ऋचा द्विवेदी ने विश्व फार्मेसिस्ट दिवस की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दुनियाभर में आज का दिन फार्मासिस्ट डे के रूप में मनाया जा रहा है। यह दिन हर साल 25 सितंबर को मनाया जाता है। इसे मनाने का मकसद दुनियाभर के फार्मासिस्ट्स के मेडिकल के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डालता है। बात करें इस साल की थीम की, तो इस साल फार्मासिस्ट डे की थीम “Pharmacists: Meeting global health needs” तय की गई है। उन्होंने कहा कि मरीजों को सही सलाह देने से लेकर उनका सही इलाज करने और उनके लिए दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने तक, फार्मासिस्ट समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

वैज्ञानिक सेमिनार में किडनी के विशेषज्ञ डॉ मनमीत सिंह ने कहा कि 50 वर्ष की उम्र के बाद सभी पुरुषों को प्रतिवर्ष अल्ट्रासाउंड और पीएसए की जांच करानी चाहिए जिससे कैंसर को रोका जा सकता है। वहीं हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ सौरभ पांडे ने अपने व्याख्यान में हड्डी की कमजोरी, अर्थराइटिस पर विस्तृत प्रकाश डाला और कहा कि वजन पर नियंत्रण करना अत्यंत आवश्यक है। इसके अलावा बोन मैरो ट्रांसप्लांट एवं कैंसर के विशेषज्ञ डा अंशुल गुप्ता ने बोन मैरो ट्रांसप्लांट के नवीन अपडेट्स पर व्याख्यान दिया, उन्होंने कहा कि इससे मरीज का जीवन बचाया जा सकता है। सभी विशेषज्ञों ने फार्मेसिस्ट को प्राथमिक केयर के लिए योग्य बताया और स्वास्थ्य की सबसे आवश्यक कड़ी बताया। इस दौरान बेसिक लाइफ सपोर्ट सिस्टम एवं सी पी आर की जानकारी डॉ अवधेश द्विवेदी, डॉ विनीता द्विवेदी द्वारा दी गई।

कार्यक्रम में गार्गी, पीहू, अंकिता चौधरी द्वारा सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत किया गया। समाज सेवी डॉ योगेश विमल, विजय कुमार ने भी सम्मेलन को संबोधित करते हुए उत्साहवर्धन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए फेडरेशन के संरक्षक केके सचान ने ‘वैश्विक स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा कर रहे फार्मेसिस्ट’ विषय पर अपने विचार रखे। सिविल अस्पताल के प्रभारी अधिकारी फार्मेसी शिवजी कुशवाहा ने धन्यवाद उद्बोधन किया।

वरिष्ठ उपाध्यक्ष जे पी नायक, उपाध्यक्ष राजेश सिंह, सुभाष श्रीवास्तव, शिव करन, संगठन मंत्री आर पी सिंह, जय सिंह सचान, ओ पी सिंह, यूथ के संरक्षक उपेंद्र, अध्यक्ष आदेश कृष्ण, महासचिव देवेंद्र, मंडल प्रभारी अनिल दुबे, अभिषेक, अरुण यादव, होम्योपैथ के महामंत्री अरविंद गुप्ता, समाज कल्याण के अध्यक्ष ए आर कौशल सहित अनेक पदाधिकारियों ने भी अपने विचार रखे।

विषय पर चर्चा के दौरान वक्ताओं ने कहा कि अनेक देशों में शोध, औषधि निर्माण के साथ फार्मेसिस्ट प्राथमिक देखभाल (primary care) में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। सुनील यादव ने कहा कि भारत सरकार एवं राज्य सरकार के नेतृत्व में प्रदेश के फार्मेसिस्ट सभी लक्ष्य को पूरा करने के लिए कृतसंकल्पित हैं।

कार्यक्रम में समस्त विभागों और संस्थानों में कार्यरत सभी विधाओं के पंजीकृत फार्मेसिस्ट, हॉस्पिटल/ क्लिनिकल फार्मेसिस्ट, सेवानिवृत्त, कम्युनिटी फार्मेसिस्ट, वैज्ञानिक फार्मेसिस्ट, प्रोफेसर, खाद्य एवं औषधि विभाग के अधिकारी, औषधि विश्लेषक आदि उपस्थित थे। इस सेमिनार के लिए फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव, महामंत्री अशोक कुमार ने खुशी फाउण्डेशन और मेदांता अस्पताल का आभार व्यक्त किया।

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