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कर्तव्‍य और कागज से मजबूत रहने की सलाह दी चिकित्‍सकों को

-क्‍लीनिकल प्रैक्टिस के दौरान ध्‍यान रखने योग्‍य कानूनी पहलुओं पर व्‍याख्‍यान आयोजित

-केजीएमयू का क्‍वीनमैरी हॉस्पिटल हो गया 90 साल का, मनाया स्‍थापना दिवस समारोह

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। मरीजों के इलाज में चिकित्‍सकों की कोशिशों के बाद भी कई बार अपेक्षित परिणाम नहीं मिल पाता है, ऐसे में उन पर लापरवाही के आरोप लगाये जाते हैं, यहां तक कि पुलिस केस तक हो जाते हैं, ऐसी अप्रिय परिस्थितियों से बचने के लिए आवश्‍यक है कि अपना कर्तव्‍य पूरी ईमानदारी के साथ करते हुए चिकित्‍सकों को चाहिये कि वे दस्‍तावेजों को लेकर मजबूत रहें ताकि न्‍यायालय तक मामला पहुंचने पर वे उस केस में उनके द्वारा किये गये इलाज के साथ ही अन्‍य आवश्‍यक बातों के दस्‍तावेजों को प्रस्‍तुत कर सकें।

यह महत्‍वपूर्ण सलाह फेडरेशन ऑफ ऑब्‍स एंड गाइनीकोलॉजिस्‍ट्स सोसाइटीज ऑफ इंडिया (फॉग्‍सी) के उपाध्‍यक्ष रह चुके अहमदाबाद से आये डॉ एमसी पटेल ने यहां केजीएमयू के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग व अस्‍पताल, क्‍वीनमैरी हॉस्पिटल), के 90वें स्‍थापना दिवस समारोह में प्रो प्रभा मेहरा व्‍याख्‍यान को प्रस्‍तुत करते हुए दी। व्‍याख्‍यान का विषय ‘लीगल इश्‍यूज इन क्‍लीनिकल प्रैक्टिस’ था। सेल्‍बी हॉल में आयोजित व्‍याख्‍यान में डॉ पटेल ने कहा कि सबसे पहले चिकित्‍सकों को चाहिये कि वे मरीज के इलाज के दौरान मरीज उनके परिजनों को प्रत्‍येक स्थिति से अवगत अवश्‍य कराते रहें, साथ ही गंभीर बीमारियों का इलाज करने के दौरान मरीज को ठीक करने के लिए की जाने वाली प्रक्रिया के अच्‍छे और बुरे परिणाम के बारे में अवश्‍य बताकर परिजनों की सहमति ले लें, क्‍योंकि अगर परिणाम बुरा आता है तो चिकित्‍सक को दोषी ठहराना आसान नहीं होगा। यहां यह भी आवश्‍यक है इलाज के दौरान सभी दस्‍तावेजों को अवश्‍य पूर्ण रखें, जिससे मौका पड़ने पर उनका उपयोग किया जा सके।

एक और खास बात का जिक्र करते हुए डॉ पटेल ने कहा कि मान लीजिये अगर ऐसी नौबत आ ही जाये कि मामला न्‍यायालय में पहुंच जाये तो कोर्ट के लिए वकील द्वारा तैयार किये जाने वाले कागजों को पूरी सावधानी के साथ तैयार करवायें क्‍योंकि चिकित्‍सा क्षेत्र की बारीकियों के बारे में चिकित्‍सक वकील को प्रभावी कागजात तैयार कराने में मदद कर सकता है, जो कि चिकित्‍सक को बेकसूर साबित करने के लिए खासी जरूरी होती है।

इससे पूर्व समारोह की शुरुआत में दीप प्रज्‍ज्‍वलन के बाद आये हुए अतिथियों के स्‍वागत के साथ ही विभागाध्‍यक्ष प्रो एसपी जैसवार द्वारा पिछले वर्ष की प्रगति रिपोर्ट प्रस्‍तुत करते हुए विभाग द्वारा हासिल की गयी साल भर की उप‍लब्धियों के बारें में जानकारी दी। उन्‍होंने कहा कि  स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों की रोगियों की देखभाल और शिक्षण में सुधार के लिए विभिन्न नई सुविधाओं को शुरू किया गया है। प्रो जैसवार ने बताया कि क्‍वीनमैरी हॉस्पिटल द्वारा 24 घंटे आपातकालीन सेवाएं प्रदान की जा रही हैं, इसमें सेंट्रल मॉनिटर सिस्‍टम से जुड़ 6 वेंटीलेटर कार्य कर रहे हैं। उन्‍होंने बताया कि एचपीवी डीएनए सर्वाइकल कैंसर पिछले दिनों 21 सितंबर से शुरू की गई है। प्री-इनवेसिव सर्वाइकल घावों के इलाज के लिए 22 मई को नई क्रायोकॉटरी मशीन और थर्मो एब्लेटर यूनिट स्थापित की गई है। इसके अतिरिक्‍त कैंसर गर्भाशय ग्रीवा और कैंसर एंडोमेट्रम के इलाज के लिए हिस्‍टेरोस्‍कोप और कॉल्‍पोस्‍कोप माइनर ओटी में स्थापित की गयी है।  अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों के लिए बेहतर शिक्षण और प्रशिक्षण के प्रावधान के लिए, डब्ल्यूएचओ द्वारा शुरू किये गये व्यापक गर्भपात देखभाल प्रशिक्षण के मद्देनजर कौशल प्रयोगशाला सुविधा और क्वीन मैरी अस्पताल के शिक्षण खंड का नवीनीकरण 22 जनवरी को किया गया है। प्रो जैसवार ने बताया कि स्नातकोत्तर छात्रों के लिए विभिन्न नए पोस्ट डॉक्टरेट पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ बिपिन पुरी ने अपने सम्‍बोधन में क्‍वीनमैरी हॉस्पिटल द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए इसके इतिहास के बारे में चर्चा की। समारोह की विशिष्‍ट अति‍थि पूर्व विभागाध्‍यक्ष रह चुकीं एमरिटस प्रोफेसर डॉ चंद्रावती ने अपनी शुभकामनाएं देते हुए विभाग को और आगे ले जाने का आह्वान किया। उन्‍होंने सबसे ज्‍यादा मानवीय रेजीडेंट मेडल से रेजीडेंट डॉक्‍टर पूजा यादव को सम्‍मानित किया। इसके अतिरिक्‍त नर्स अवन्तिका के अलावा कर्मी असलम, रवि, तबस्‍सुम और शन्‍नो को भी अच्‍छा कार्य करने के लिए पुरस्‍कृत किया गया। डीन एकेडमिक प्रो एके त्रिपाठी ने भी अपने सम्‍बोधन में विभाग के कार्यों की सराहना करते हुए अपनी शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम के अंत में रखे गये धन्‍यवाद प्रस्‍ताव में डॉ रेखा सचान ने आये हुए सभी अतिथियों का धन्‍यवाद अदा किया। कार्यक्रम में पूर्व में रह चुकी विभागाध्‍यक्ष डॉ विनीता दास, डॉ उमा सिंह के साथ ही प्रो एसएन कुरील भी शामिल हुए।

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