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व्याख्यान से लेकर फिल्मी गीतों तक के माध्यम से किया एएमआर पर जागरूक

-विश्व एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध जागरूकता सप्ताह पर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में आयोजित हुए कार्यक्रम

सेहत टाइम्स

लखनऊ। विश्व एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध जागरूकता सप्ताह (WAAW) विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का एक वैश्विक अभियान है, जिसका उ‌द्देश्य एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (AMR) के बारे में जागरुकता बढ़ाना और दवा प्रतिरोधी रोगजनकों के उभरने और फैलने को रोकना है। WAAW हर वर्ष 18 से 24 नवंबर तक मनाया जाता है ताकि हितधारकों को एंटीबायोटिक प्रतिरोध की समस्या के प्रति जागरुक किया जा सके। इस वर्ष के अभियान का विषय है-“अभी कार्रवाई करेंः हमारा वर्तमान सुरक्षित करें, हमारा भविष्य सुनिश्चित करें।

इस आयोजन के अंतर्गत, डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में कार्यरत असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. शिवा वर्मा और डॉ. आकांक्षा गुप्ता ने संस्थान के स्नातकोत्तर रेज़िडेट् के लिए एंटीबायोटिक्स के सामान्य पहलुओं पर एक 20 नवंबर को एक अंतर-विभागीय क्विज आयोजित की। क्विज़ में एक प्रीलिम राउंड था, जिसमें विभिन्न विभागों की 15 टीमों ने भाग लिया। चार विभागों की टीमें फार्माकोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, बायोकैमिस्ट्री और जनरल मेडिसिन विभागों से एक-एक टीम मुख्य क्विज़ के लिए चयनित हुई, जो एक इंटरैक्टिव प्रतियोगिता थी।

मुख्य क्विज में छह राउंड शामिल थे, जिनमें रेज़िडेंट्स से अस्पताल संक्रमण नियंत्रण के विभिन्न पहलुओं पर प्रश्न पूछे गए। क्विज़ का मुख्य आकर्षण बॉलीवुड राउंड रहा, जिसमें प्रतिभागियों को बॉलीवुड गीतों से बीमारी का अनुमान लगाना था। बायोकैमिस्ट्री विभाग की डॉ. विजय लक्ष्मी और माइक्रोबायोलॉजी विभाग के डॉ. अंकित वर्मा की टीम ने प्रथम पुरस्कार जीता। कार्यक्रम का समापन माइक्रोबायोलॉजी विभाग की प्रमुख और WAAW 2025 की आयोजन अध्यक्ष प्रो. ज्योत्स्ना अग्रवाल ‌द्वारा प्रतिभागियों को उनके उत्साही सह‌भागिता के लिए धन्यवाद देने के साथ हुआ।

विश्व एंटीमाइक्रोबियल जागरुकता सप्ताह के क्रम को आगे बढ़ाते हुए, माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने 21 नवंबर को एक सीएमई का भी आयोजन किया। कार्यक्रम की शुरुआत विभागाध्यक्ष, प्रो. ज्योत्स्ना अग्रवाल द्वारा स्वागत भाषण से हुई। दो विशिष्ट वक्ताओं-प्रो. रंग्मेई एस. के. मारक, विभागाध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी विभाग, एसजीपीजीआईएमएस लखनऊ, तथा कर्नल डॉ. नंदिता हाजरा, विभागाध्यक्ष, लैब साइंसेज, कमांड हॉस्पिटल, सेंट्रल कमांड, लखनऊ ने उभरती हुई एएमआर चुनौतियों और स्ट्यूअर्डशिप प्रथाओं पर व्याख्यान दिए।

प्रो. रंग्मेई ने आक्रामक फंगल संक्रमणों के परिणामों में सुधार के लिए एंटीफंगल स्ट्यूअर्डशिप की भूमिका पर बात की। डॉ. हाज़रा ने वयस्क और नवजात शिशुओं में सेप्सिस पर बताया कि इन्के निदान में माइक्रोस्कोपी क्या भूमिका निभाती है और एंटीबायोटिक उपयोग को कैसे अनुकूलित किया जा सकता है। उनके व्याख्यानों को फैकल्टी, रेजिडेंट्स और प्रतिभागियों द्वारा खूब सराहा गया। कार्यक्रम का समापन अंतर-विभागीय पीजी क्विज़ की विजेता टीम को सम्मानित करने के साथ हुआ। और प्रतिभागियों द्वारा खूब सराहा गया।

कार्यक्रम का समापन अंतर-विभागीय पीजी क्विज़ की विजेता टीम को सम्मानित करने के साथ हुआ। इस सीएमई ने एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (AMR) के प्रति जागरूकता बढाने, जिम्मेदारी से एंटीमाइक्रोबियल का उपयोग करने, और एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध से लड़ने में अंतर-विभागीय सहयोग को सुदृढ़ करने में संस्थान की प्रतिबद्धता की पुनः पुष्टि की।

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