लखनऊ। नर्स द्वारा लगाये गये गलत इंजेक्शन की शिकार होकर पैर गंवाने वाली सवा साल की बच्ची के आज यहां डालीगंज स्थित आर्टीफिशियल लिम्ब सेंटर में कृत्रिम पैर लगाया गया। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के डीपीएमआर में पीडियाट्रिक रिहैबिलिटेशन के अन्तर्गत इतनी कम उम्र के बच्चे को पहली बार कृत्रिम पैर लगाया गया है।
वर्कशॉप मेनेजर ऑर्थोटिक्स एंड प्रोस्थोटिक्स अरविन्द निगम ने बताया कि लखनऊ के ठाकुरगंज में रहने वाले राम बाबू की बच्ची किरन को कृत्रिम पैर लगाया गया है। ज्ञात हो बच्ची किरन का पैर जब वह सिर्फ डेढ़ माह की थी, तभी काटा गया था क्योंकि डायरिया के चलते बलरामपुर अस्पताल में भर्ती होने पर नर्स द्वारा गलत तरीके से इंजेक्शन लगाने से गैंगरीन हो गया था जिसकी वजह से १७ नवम्बर २०१५ को पैर काटना पड़ा। इसके बाद परिजन बच्चे के खड़े होने लायक उम्र का इंतजार करते रहे। पिछली १७ दिसम्बर को परिजन बच्ची को लेकर आर्टीफिशियल लिम्ब सेन्टर आये तभी बच्ची के पैर का नाप लिया गया तथा २३ जनवरी को पैर लगाने का ट्रायल पूरा हो गया और अब बच्ची चलने लगी। इस समय बच्ची की उम्र १ साल ३ माह है।

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