कुछ तो डरिये या शर्म कीजिये हुजूर लखनऊ. कुछ लोगों की ऐसी फितरत होती है कि उन्हें बस अपने मन की करनी है. फिर चाहे दूसरों का नुक्सान हो या अपना. समाज सुधार पर चर्चा चलने पर बढ़-चढ़ कर बोलने वाले तथाकथित बुद्धिजीवी लोग अपने कार्य व्यवहार …
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