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केजीएमयू रेजीडेंट्स डॉक्‍टरों की हड़ताल के चलते ऑपरेशन टले, इमरजेंसी सेवाओं पर असर नहीं

शासन से आश्‍वासन के बाद काम पर लौटे केजीएमयू के रेजीडेंट्स डॉक्‍टर, विरोध जारी रहेगा

 

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्‍सा विश्‍वविद्यालय में आज मंगलवार को शुरू हुई रेजीडेंट्स डॉक्‍टरों की हड़ताल शासन से वार्ता के बाद वापस ले ली गयी। हालांकि हड़ताल शुरू होने और वापस लेने तक के बीच के घंटों में हड़ताल रहने से अव्‍यवस्‍था हुई। विशेषकर सर्जरी, ईएनटी, डेंटल जैसे विभागों में आज के ऑपरेशन टाल दिये गये, जबकि ट्रॉमा सेंटर सहित कार्डियोलॉजी, न्‍यूरो जैसी अधिक महत्‍वपूर्ण सर्जरी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार हुईं।  बताया जाता है कि वार्ता के बाद दो माह में वेतन संबंधी मांग पूरा करने का आश्‍वासन मिलने के बाद रेजीडेन्‍ट्स डॉक्‍टरों ने हड़ताल वापस लेने का ऐलान कर दिया, हालांकि शांतिपूर्ण विरोध जारी रहेगा। आपको बता दें कि संजय गांधी पीजीआई के बराबर वेतन की मांग को लेकर आज मंगलवार से बेमियादी हड़ताल शुरू की थी।

 

घंटों में हड़ताल रहने से अव्‍यवस्‍था हुई। विशेषकर सर्जरी, ईएनटी, डेंटल जैसे विभागों में आज के ऑपरेशन टाल दिये गये, जबकि कार्डियोलॉजी, न्‍यूरो जैसी अधिक महत्‍वपूर्ण सर्जरी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार हुईं। इससे पूर्व आज सभी रेजीडेंट सुबह से कलाम सेंटर पर इकट्ठा होने लगीं, इसके बाद ये रेजीडेंट कुलपति से मिलने पहुंचे।

 

इस बारे में केजीएमयू की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि केजीएमयू के रेजिडेंट डॉक्टर एसजीपीजीआई के समान वेतन की मांग कर रहे हैं, जिसके लिए उन्होंने आज कार्य बहिष्कार की घोषणा की थी। डॉक्टरों का एक समूह कुलपति के पास प्रातः वार्ता के लिए गया और उन्होंने रेजिडेंट्स के प्रतिनिधिमंडल को मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर एस.एन. संखवार के साथ उचित समाधान हेतु शासन के पास भेज दिया। वित्त सचिव ने बताया कि शासन रेजिडेंट के मुद्दे पर  गंभीर है और लगभग दो माह में समाधान कर दिया जाएगा। इस आश्वासन से रेजीडेंटट डॉक्टर अपनी प्रस्तावित हड़ताल को वापस लेने के लिए तैयार हो गए और काम पर लौट आए। रेजिडेंट्स के कार्य वहिष्कार के कारण किसी प्रकार की आकस्मिक सेवाएं प्रभावित नहीं हुई किंतु कुछ विभागों में सर्जरी प्रभावित हुई। विश्वविद्यालय में अब सभी सेवाएं सुचारु रुप से पुनः प्रारंभ हो गई है।

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