सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों व टीबी इकाइयों के माध्यम से 10 जून से अभियान
लखनऊ। सभी सहयोगी व कर्मचारी पूर्ण रूप से अपना सौ प्रतिशत देते हुये पूरे मनोयोग के साथ 10 जून से जिले में चलाये जा रहे सक्रिय टीबी रोग खोजी अभियान में क्षय रोगियों की पहचान कर उन्हें उपचार पर लाने में सहयोग प्रदान करें ताकि भारत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य 2021 तक जिले को क्षय रोग मुक्त शहर बनाया जा सके। ये बातें मुख्य चिकित्साधिकारी डा. नरेंद्र अग्रवाल ने टीबी कर्मियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान कहीं। इस खोजी अभियान के लिए 250 टीमें बनायी गयीं हैं।
इस अवसर पर जिला क्षय रोग अधिकारी डा. बी.के.सिंह ने कहा कि सामान्य व्यक्ति की अपेक्षा डायबिटीज से ग्रसित रोगियों में जीवन पर्यंत 30% अधिक टीबी होने की सम्भावना रहती है। उन्होंने बताया कि जिले में 10 जून से 22 जून तक सघन टीबी खोज अभियान जिले के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित 8 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा शहर में स्थापित 6 टीबी यूनिट की मलिन बस्तियों में चलाया जायेगा। उक्त गतिविधि के दौरान जिले में व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार व प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
जिला पब्लिक प्राइवेट ज्वॉइंट समन्वयक रामजी वर्मा ने बताया कि इस अभियान में 795 कर्मचारियों का एक दल लगभग 5,30,000 लोगों की स्क्रीनिंग कर समाज में छुपे हुये क्षय रोगियों को खोज कर उन्हें उपचार पर लाएंगे। उन्होंने बताया कि इस अभियान में 53 पर्यवेक्षकों के अधीन 250 टीमों का गठन किया गया है, जिसमें कुल 795 सक्रिय व प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर क्षय रोगियों की पहचान की जायेगी ।