Monday , November 25 2024

धन उगाही के लिए किये गये स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों के नियम विरुद्ध स्‍थानांतरण

-राज्‍य कर्मचारी संयुक्‍त परिषद ने कहा निरस्‍त न हुए तो होगा आंदोलन

-मनमानी करते हुए कार्मिक विभाग की नीति का नहीं किया गया पालन

अतुल मिश्रा

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश ने स्वास्थ्य महानिदेशालय द्वारा किए गए अनियमित स्थानांतरण को तत्काल निरस्त करने की मांग करते हुए कहा है कि पिछली गलतियों से सबक न लेते हुए एक बार पुनः स्वास्थ्य महानिदेशालय द्वारा स्थानांतरण को कमाई का साधन बनाते हुए अनैतिक रूप से जल्दबाजी में स्थानांतरण सूची जारी की गई है, जो निरस्त होने योग्य है। ऐसा लगता ही नहीं कि यह स्थानांतरण है बल्कि ऐसा प्रतीत होता है कि धन कमाने की लालसा में किया गया कृत्य है, जिसे बाद में संशोधन करने के नाम पर कर्मचारियों का दोहन किया जाएगा परिषद ने महानिदेशक से तत्काल सूची को निरस्त करने की मांग की है। साथ ही निरस्त न होने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी है।

परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने कहा कि कार्मिक विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति के अनुसार समूह ग के कर्मियों के स्थानांतरण केवल पैरा 1 से आच्छादित होने पर ही किये जाने के आदेश हैं (स्वयं के अनुरोध, प्रोन्नति पर), लेकिन स्वास्थ्य विभाग में कई संवर्गो में इसका पालन नहीं किया गया। सरकार ने विकल्प लेने की बात कही थी, वह भी पालन नहीं हुआ।

अतुल मिश्रा ने कहा कि स्वास्थ्य महानिदेशालय द्वारा कल स्थानांतरण की अंतिम तारीख को जल्दबाजी में फार्मासिस्ट, लैब टेक्निशियन आदि संवर्गों के स्थानांतरण की सूची जारी की गई। समायोजन के नाम पर भी स्थानांतरण किया गया है, श्री मिश्रा ने कहा कि कुछ नाम ऐसे हैं, जनपदों में उस नाम का कोई कार्मिक ही नहीं है वहीं अनेक पदाधिकारियों के भी स्थानांतरण किए गए, कई पदाधिकारियों का समायोजन अन्यत्र जनपद कर दिया गया और उनकी जगह किसी अन्य को भेज दिया गया है। एक पति-पत्नी दोनों कार्मिकों को नीति विरुद्ध तरीके से दूरस्थ जनपदों में अलग-अलग भेजा गया। कुछ कर्मचारियों का समायोजन पूर्व में हो चुका है, उन्हें दोबारा समायोजन कर स्थानांतरित कर दिया गया वहीं मेडिकल कॉलेज जो चिकित्सा शिक्षा में तैनात कर्मचारियों को भी नही बख्‍शा गया जबकि वे पदाधिकारी भी हैं। उदाहरण के लिए राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के वाराणसी के अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह, मैनपुरी के अध्यक्ष अवधेश सिंह, पीलीभीत के अध्यक्ष बृद्धि चंद यादव, रायबरेली के अध्यक्ष राजेश सिंह को अन्यत्र जनपदों में स्थानांतरित कर दिया गया है, जबकि उक्त कर्मियों के जनपदीय अधिकारियों द्वारा उनके पदाधिकारी होने की सूचना देते हुए उनका स्थानांतरण न करने के संबंध में सूचना पूर्व में प्रेषित की थी।

उन्‍होंने कहा कि‍ इसी प्रकार मिनिस्ट्रियल संवर्ग में बड़ी संख्या में जो स्थानांतरण किए गए हैं, उनको देखते ही ऐसा प्रतीत होता है कि कर्मचारियों के साथ महानिदेशालय का रवैया सोतेला है। लिपिक संवर्ग समूह ग का कर्मचारी है, अल्प वेतनभोगी है, उनका स्थानांतरण 200 से 500 किलोमीटर की दूर पर किया गया है पूर्वांचल के लोगों को पश्चिमांचल और पश्चिमांचल के लोगों को पूरब भेज कर दंडित किया गया। कुष्ठ संवर्ग में भी सैकड़ों कर्मियों के दूरस्थ समायोजन किये गए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.