लोहिया अस्पताल के लोहिया कर्मचारी अस्तित्व बचाओ मोर्चा ने कहा मांग न मानी गयी तो 7 अक्टूबर से कार्य बहिष्कार
लखनऊ। डॉ राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय के लोहिया कर्मचायरी अस्तित्व बचाओ मोर्चा में वादा खिलाफी को लेकर शासन के खिलाफ जबरदस्त रोष है। मोर्चा का आरोप है कि लोहिया संस्थान में विलय को लेकर प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ रजनीश दुबे ने 31 जनवरी, 2019 के मुख्य सचिव के स्पष्ट निर्देशों की अवहेलना करते हुए मनमाने तरीके से विलय की राजाज्ञा जारी की है। हम इसका विरोध करते हैं, इसके विरोध में आंदोलन के पहले चरण की शुरुआत हो चुकी है, अंतिम चरण में 7 अक्टूबर से पूर्ण कार्य बहिष्कार किया जायेगा।
यह आरोप आज शनिवार को लोहिया चिकित्सालय में मोर्चा द्वारा बुलायी गयी प्रेस वार्ता में अध्यक्ष देश दीपक त्रिपाठी और मंत्री प्रदीप नायक ने अन्य पदाधिकारियों ने लगाया। आपको बता दें कि डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में डॉ राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय का विलय किये जाने का निर्णय लिया जा चुका है। अध्यक्ष ने बताया कि दो वर्ष पूर्व संस्थान के निदेशक ने हम लोगों को यह लिखित आश्वासन दिया था कि विलय होने की स्थिति में कर्मचारियों के समायोजित या प्रतिनियुक्ति पर आने की स्थिति में उनका वेतन संरक्षित रहेगा। उन्हें संजय गांधी पीजीआई के अनुसार वेतन देय होगा।
उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव ने बैठक में निर्देश दिया था कि नियम-कानून को शिथिल कर सभी कर्मचारियों को रखा जाये। लेकिन 29 जनवरी 2019 के बाद प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा द्वारा दो बार बैठक बुलायी गयी लेकिन उन बैठकों का कार्यवृत्त नहीं जारी किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि कुल 187 कर्मचारियों का स्टाफ है इनमें 161 लोगों को ही प्रतिनियुक्ति पर लिया गया है, शेष में 20 लोगों को लोकबंधु राजनारायण संयुक्त चिकित्सालय में तब समायोजन की बात कही है जब वहां पद सृजित हो जायें, छह कर्मचारियों को भी किसी न किसी अस्पताल में भेजने को कहा है, यानी पद के सृजन होने तक इनकी स्थिति क्या होगी, इनका वेतन कैसे निकलेगा, और अगर पद न सृजित हुए तो क्या होगा। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि इन लोगों को भी संस्थान में लेना चाहिये।
आपको बता दें कि 20 सितम्बर से 28 सितम्बर तक रोज सुबह साढ़े आठ बजे से नौ बजे तक गेट मीटिंग कर शासन का ध्यान आकर्षित कराया जा रहा है। इसके बाद भी अगर ध्यान न दिया गया तो 30 सितम्बर से 5 अक्टूबर तक रोज दो घंटे सुबह 8 से 10 बजे तक कार्य बहिष्कार किया जायेगा, और फिर भी अगर शासन नहीं चेता तो 7 अक्टूबर से इमरजेंसी सेवाओं सहित सभी सेवाओ की पूर्ण हड़ताल की जायेगी।
पत्रकार वार्ता में स्वास्थ्य विभाग के मिनिस्टीरियल एसोसिएशन के महामंत्री ग्रिजेश पाण्डेय भी उपस्थित थे, उन्होंने कहा कि हमारे संघ का मोर्चा को पूरा समर्थन है। उन्होंने कहा कि अगर कर्मचारियों की जायज मांगें नहीं मानी गयीं तो यह आंदोलन प्रदेशव्यापी हो जायेगा।