-63वें ऑल इंडिया आब्सटेट्रिक्स एंड गाइनोकोलॉजी 2020 में डॉ.प्रणव पण्ड्या ने दिये ऋषि सूत्र

सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुख और देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार के कुलाधिपति डॉ.प्रणव पण्ड्या ने कहा कि मां की जीवनचर्या का असर गर्भ में पल रहे शिशु पर भी पड़ता है। गर्भस्थ शिशु हमारे क्रियाकलापों को सुनता है, और उसी के अनुसार उसका आगे का जीवन बनता है, गर्भ में पल रहे शिशु से अच्छी-अच्छी बात भी करनी चाहिये। गर्भावस्था में तनावमुक्त रहने के लिए संगीत सुनना फायदेमंद हो सकता है।
आशियाना स्थित मान्यवर कांशीराम स्मृति उपवन में चल रहे 63वें ऑल इंडिया आब्सटेट्रिक्स एंड गाइनोकोलॉजी (एआईसीओजी 2020) के अंतिम दिन अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुख और देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार के कुलाधिपति डॉ.प्रणव पण्ड्या ने ऋषि सूत्र दिये।
डॉ प्रणव पण्डया ने यहां अगर गर्भावस्था में माँ खुश है तो बच्चा भी तंदुरुस्त रहेगा। ऐसे में एक गर्भवती महिला को अपने स्वास्थ्य का खयाल तो रखना ही चाहिए, साथ ही परिवार वालों को भी उनकी ख़ुशी का विशेष ध्यान देने की जरूरत है। हमारे पुराणों में भी कई ऐसे संदर्भ मिलते हैं जब गर्भ में पल रहा शिशु भी हमारे क्रियाकलापों को सुनता है। उसी के अनुसार उसका जीवन भी आगे होता है। यह बात अब साइंटिफिक भी प्रूफ हो चुकी है। इसलिए गर्भ में पल रहे शिशु से बात भी करनी चाहिए।
माँ को भी गर्भ के समय नकारात्मक चीजों से दूर रहने की जरूरत होती है, क्योंकि गर्भवस्था के दौरान माँ के व्यवहार का असर बच्चे पर दिखाई देता है। गर्भावस्था में तनावमुक्त रहने के लिए संगीत सुनना फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा खानपान को विशेष ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि जितनी हेल्दी डाइट माँ लेती है शिशु को उतना हो पोषण मिलता है।

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