Wednesday , October 11 2023

रिपोर्ट पर पोस्ट ग्रेजुएट पैथोलॉजिस्ट के दस्तखत नहीं तो न होगा बीमा न मिलेगा क्लेम

इरडा ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए जारी किया सरकुलर

 

लखनऊ। हेल्‍थ या जीवन बीमा कराने वाले लोग यह ध्‍यान रखें कि अगर वे जब अपने स्‍वास्‍थ्‍य के लिए पैथोलॉजी जांच कराते हैं तो उस पर पैथोलॉजी में स्‍नातकोत्‍तर स्‍तर के डिग्रीधारक विशेषज्ञ के दस्‍तखत नहीं हैं तो वह रिपोर्ट मान्‍य नहीं होगी। नतीजा यह है कि स्‍वास्‍थ्‍य बीमा के पैसे का भुगतान या जीवन बीमा के लाभ से वंचित रह जायेंगे। इस बारे में भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने स्‍पष्‍ट किया है कि सभी मेडिकल और लाइफ इंश्‍योरेंस कम्‍पनियां यह सुनिश्चित कर लें कि मरीज की पैथोलॉजी जांच रिपोर्ट पर काउंटर सिग्‍नेचर पैथोलॉजी में पोस्‍ट ग्रेजुएट पैथोलॉजिस्‍ट डॉक्‍टर के ही मान्‍य होंगे।

डॉ केस्‍कर जे

इरडा के चीफ जनरल मैनेजर (लाइफ) वी जयंत कुमार द्वारा जारी इस आदेश में सभी मेडिकल और जीवन बीमा कम्‍पनियों से कहा गया है कि लैब की रिपोर्ट में काउंटर सिग्‍नेचर के मसले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक रिपोर्ट पर मास्‍टर डिग्रीधारक पैथोलॉजिस्‍ट के हस्‍ताक्षर के साथ उनकी मोहर भी लगी होनी जरूरी है अन्‍यथा की स्थिति में उस रिपोर्ट को मान्‍य नहीं करार दिया जायेगा तथा उसके लिए बीमा कम्‍पनियों द्वारा कोई भुगतान नहीं किया जायेगा।

 

आपको बता दें कि देश भर में बड़ी संख्‍या में चल रहीं पैथोलॉजी में जांच रिपोर्ट पर संचालनकर्ता अपने दस्‍तखत कर देता है, जो कि सुप्रीम कोर्ट के दिये आदेश में गुजरात हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए बताया गया है कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा तैयार किये गये नियमों के अनुसार लैब में जांच के समय एक रेगुलर पैथोलॉजिस्‍ट लैब में होना चाहिये तथा उसकी देखरेख में ही जांच रिपोर्ट तैयार होनी चाहिये, तथा रिपोर्ट पर दस्‍तखत भी उन्‍हीं पैथोलॉजिस्‍ट के होने चाहिये। लेकिन अफसोस यह है कि इसका पालन हो नहीं रहा है।

 

फोरम ऑफ प्रैक्टिसिंग पैथोलॉजिस्‍ट्स की महाराष्‍ट्र इकाई के अध्‍यक्ष डॉ केस्‍कर जे बताते हैं कि पैथोलॉजी संचालन को लेकर एमसीआई की गाइड लाइन्‍स के अनुसार संचालन पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था। उन्‍होंने बताया कि महाराष्‍ट्र, मध्‍य प्रदेश, गुजरात के हाईकोर्ट में याचिकाएं डाली गयी थीं। सुप्रीम कोर्ट ने सभी याचिकाओं की एक साथ सुनवाई करते हुए निर्णय दिया था कि जांच रिपोर्ट पर पोस्‍ट ग्रेजुएट पैथोलॉजिस्‍ट के दस्‍तखत होने अनिवार्य हैं। इसी निर्णय को लागू करने के लिए ही इरडा द्वारा सरकुलर जारी किया गया है।