एक समय तो ऐसा आयेगा जब सभी डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति होगी मजबूरी
सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाना नहीं बल्कि नये डॉक्टरों की भर्ती के लिए आकर्षक योजना है कमी का विकल्प

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री की चिकित्सकों के रिटायरमेंट की उम्र 70 वर्ष के साथ ही वीआरएस का विकल्प 62 वर्ष पर रखने की घोषणा पर प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ (पीएमएस) के महामंत्री डॉ अमित सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया जतायी है। उनका कहना है कि वीआरएस का विकल्प 60 वर्ष की आयु पर होना चाहिये, यह बात मंत्री के साथ वार्ता में भी रखी गयी थी। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों की कमी की पूर्ति के लिए इस तरह के प्रयासों की जरूरत है कि नये चिकित्सक पीएमएस में ज्वॉइन करें न कि नियम विपरीत चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाना, वह भी बिना विकल्प के।
आपको बता दें कि पीएमएस द्वारा शासन के समक्ष पूर्व में रखी गयीं मांगों में वीआरएस का विकल्प 60 वर्ष की आयु पर देने की मांग शामिल है। डॉ अमित सिंह ने बताया कि वीआरएस का विकल्प 60 वर्ष की आयु पर ही रखना चाहिये, 62 वर्ष पर नहीं, उन्होंने कहा कि मंत्री के साथ संघ की वार्ता में यही बात रखी गयी थी कि वीआरएस का विकल्प चुनने का अवसर 60 वर्ष पर दिया जाये। उन्होंने कहा कि जो चिकित्सक सेवानिवृत्ति के बाद कार्य करना चाहेगा उनकी पुनर्नियुक्ति करते हुए 70 वर्ष तक की आयु पर सेवानिवृत्ति का प्रावधान रखा जाये।
उन्होंने कहा कि सरकार यह तो मानती है कि चिकित्सकों की कमी है और उस कमी को पूरा करने के लिए ही चिकित्सकों की रिटायरमेंट की आयु बढ़ायी जा रही है, लेकिन नये चिकित्सक आयें, इसके लिए कोई ठोस प्रयास किये जाने की आवश्यकता है क्योंकि एक न एक दिन तो ऐसा आयेगा कि मौजूदा चिकित्सक रिटायर हो जायेगा तो ऐसे में सरकार के पास क्या विकल्प बचेगा, और उस समय अचानक कहां से डॉक्टरों की तैनाती होगी।

Sehat Times | सेहत टाइम्स Health news and updates | Sehat Times