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यूपी मिनिस्ट्रियल हेल्‍थ एसोसिएशन का विभागीय मंत्रियों पर खुला आरोप

-मुख्‍यमंत्री की इच्‍छा के विरुद्ध स्‍वास्‍थ्‍य विभाग में बड़ी संख्‍या में तबादलों से कार्यालयों में ताले

-प्रदेश के सभी जिलों में लिपिकीय संवर्ग ने शुरू किया बेमियादी कार्य बहिष्‍कार, 26 जुलाई को घेरेंगे महानिदेशालय

ग्रिजेश पांडे

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। यूपी मेडिकल एंड पब्लिक हेल्थ मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन उत्तर प्रदेश ने निदेशक प्रशासन के बयान को आधार बनाते हुए चिकित्सा स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री तथा चिकित्सा स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्यमंत्री पर लिपिक संवर्ग के 80% स्थानांतरण करके व्यवस्था को छिन्न-भिन्न करने का आरोप लगाया है। मंत्रियों को लिखे पत्र में एसोसिएशन ने कहा है की मुख्यमंत्री की इच्छा के विरुद्ध किए गए भारी मात्रा में तबादलों से प्रदेश के चिकित्सा विभाग के कार्यालयों में ताले लग गए हैं। एसोसिएशन ने पूरे प्रदेश में बेमियादी कार्यबहिष्‍कार शुरू करते हुए 26 जुलाई को महानिदेशालय का घेराव करने का ऐलान किया है।

एसोसिएशन के प्रांतीय महामंत्री ग्रिजेश पांडे ने पत्र में लिखा है कि वर्तमान में पूरा देश एवं प्रदेश वैश्विक महामारी कोविड-19 से जूझ रहा है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की कोविड-19 महामारी से निपटने की नीति की देश-विदेश में प्रशंसा की जा रही है। इसी के अंतर्गत मुख्यमंत्री की पहल पर वर्तमान स्थानांतरण सत्र में चिकित्सा विभाग के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सामान्य स्थानांतरण नीति से अवमुक्त  करते हुए मात्र निजी अनुरोध पर स्थानांतरण किए जाने का निर्णय लिया गया है, लेकिन अत्यंत खेद एवं आश्चर्य का विषय है कि स्पष्ट आदेश उपलब्ध होते हुए भी कुल 1772 लिपिक संवर्गीय कर्मचारियों, जो कि संवर्ग के कुल संख्या के लगभग 80% है, के स्थानांतरण किए गए हैं जबकि प्रदेश की स्थानांतरण नीति में मात्र 20% स्थानांतरण, जिसमें समायोजन आदि भी सम्मिलित है, किए जाने का प्रावधान है।

पत्र में 18 एवं 19 जुलाई को समाचार पत्रों में निदेशक प्रशासन के बयान का हवाला देते हुए कहा गया है कि मंत्रियों के निर्देश और अनुमोदन के आधार पर इतनी बड़ी संख्या में स्थानांतरण करने पड़े हैं। पांडेय ने मंत्रियों पर स्‍थानांतरण के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए अनुरोध किया गया है कि मुख्यमंत्री की इच्छा के विरुद्ध लिपिकीय संवर्ग के भारी संख्या में किए गए सभी तबादलों को निरस्‍त किया जाये। आंदोलन के बारे में बताया गया है कि 19 जुलाई से प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालयों पर अनिश्चितकालीन असहयोग आंदोलन चलाया जाएगा इसके बाद 26 जुलाई को स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय का घेराव करने के बाद वहां से पैदल मार्च करते हुए लोक भवन तक पहुंचकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया जाएगा। इस आंदोलन से होने वाली क्षति की संपूर्ण जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश शासन एवं प्रशासन की होगी।

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