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लखनऊ से शुरू हुई त्राया की ऑफ़लाइन ‘होप स्टोरीज़’ यात्रा

-डर्मेटोलॉजी, आयुर्वेदिक ज्ञान और न्यूट्रिशन सपोर्ट को एक साथ मिलाकर तैयार किया गया है हेयर लॉस ट्रीटमेंट

लखनऊ। हेयर हेल्थ ब्रांड त्राया ने बालों को पुन: उगाने की सच्चाई को लाभान्वित लोगों के द्वारा गंजापन झेल रहे लोगों तक मीडिया की उपस्थिति में पहुंचाने की शुरुआत उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से की है। शनिवार 20 सितम्बर को यहां गोमती नगर स्थित एक होटल में आयोजित इस कार्यक्रम को कम्पनी ने नाम दिया है ‘होप स्टोरीज’ यानी आशा भरी कहानियां। कम्पनी की को फाउंडर सलोनी आनंद ने यह जानकारी देते हुए बताया कि होप स्टोरीज सीरीज जिसका आज ऑफलाइन संस्करण लॉन्च किया गया है, इस सीरीज की शुरुआत ऑनलाइन हुई थी।

सलोनी ने बताया कि यह उन वास्तविक कहानियों को साझा करती है जिनमें लोग त्राया के उपचारों से बाल झड़ने की समस्या पर विजय पाते हैं। इसे ऑफ़लाइन लाने का मकसद ग्राहकों से और गहरा जुड़ाव बनाना है, जिसकी शुरुआत त्राया ने अपने अहम बाज़ार लखनऊ से की।

सलोनी ने बताया कि आयुर्वेद, न्यूट्रिशन और डर्मेटोलॉजी को मिलाकर त्राया एक समग्र हेयर हेल्थ ब्रांड के रूप में बाल झड़ने की जड़ की वजहों का समाधान करता है। बाल झड़ना एक मौन संघर्ष है, जो कई लोगों के लिए भावनात्मक रूप से थका देने वाला और अलग-थलग कर देने वाला अनुभव होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए त्राया ने ‘होप स्टोरीज़’ की शुरुआत की। एक ऐसा मंच, जहां कंपनी के वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित हेयर लॉस ट्रीटमेंट से लाभान्वित असली ग्राहकों की कहानियां साझा की जाती हैं। लखनऊ से शुरू हुए ऑफ़लाइन इवेंट्स के माध्यम से इन कहानियों को जीवन्त बनाकर त्राया का उद्देश्य अपनी कम्युनिटी से और गहरा व्यक्तिगत जुड़ाव बनाना है और दूसरों को यह दिखाना है कि बदलाव न केवल संभव है, बल्कि वह हो रहा है।

उन्होंने बताया कि त्राया ने सबसे पहले एक यूनिक तीन विज्ञान दृष्टिकोण शुरू किया, जो आधुनिक डर्मेटोलॉजी, आयुर्वेदिक ज्ञान और न्यूट्रिशन सपोर्ट को एक साथ मिलाकर एक व्यक्तिगत और परिणाम-केंद्रित योजना प्रदान करता है। त्राया की खास बात यह है कि त्राया व्यक्ति के हिसाब से उसका हेयर ट्रीटमेंट चुनकर उसके लिए एक कस्टमाइज़्ड किट तैयार करता है और पूरे सफ़र में एक्सपर्ट हेयर कोच के ज़रिए लगातार मार्गदर्शन भी देता है। इस अनोखे संयोजन ने न केवल लाखों लोगों के लिए ट्रीटमेंट को सुलभ बनाया है, बल्कि पारंपरिक तरीकों की तुलना में इसे तीन गुना अधिक प्रभावी भी सिद्ध किया है।

 

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