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किडनी के रोग से बचने के लिए किस प्रकार का खाना खायें डायबिटीज के रोगी

एडवांस कोर्स इन न्‍यूट्रीशन एंड मेटाबोलिज्‍म में विशेषज्ञ की राय

लखनऊ। अगर आप डायबिटीज के शिकार हैं तो आपको किडनी की बीमारी होने का खतरा ज्‍यादा है, बेहतर होगा कि आप उन चीजों का परहेज करें जिनसे किडनी के रोग होने का खतरा है। यहां चल रहे एडवांस कोर्स इन न्‍यूट्रीशन एंड मेटाबोलिज्‍म में भाग लेने आये कानपुर के नेफ्रोलॉजिस्‍ट डॉ डीके सिन्‍हा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि खानपान पर ध्‍यान बहुत जरूरी है साथ ही साल में एक बार गुर्दे की सामान्‍य जांच जरूर करायें।

 

डॉ सिन्‍हा ने बताया कि मधुमेह रोगी साल में एक बार पेशाब में प्रोटीन की जांच अवश्‍य करायें इसके अलावा ब्‍लड प्रेशर 130 /80 से कम रहे, ब्‍लड शुगर खाली फास्टिंग 120 पीपी 180 तक रहनी चाहिये।

 

मधुमेह के रोगी चोकर सहित गेहूं के आटे का इस्‍तेमाल करें, आटे में मक्‍के का आटा, सोयाबीन का आटा मिलाकर रोटी खायें तो बेहतर रहेगा। एक चम्‍मच भुनी हुई अलसी का सेवन करें। एक सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा कि कूटू और सिंघाड़े के आटे में शुगर उतनी ही है जितनी गेहूं में होती है। सिर्फ आलू, घुइयां, बंडा छोड़कर सभी सब्जियां खा सकते हैं। रोज एक फल अवश्‍य खायें, फलों में सबसे कम मीठा सेब होता है इसे खाना ज्‍यादा ठीक है।

 

डॉ सिन्‍हा ने बताया कि डायबिटीज के रोगियों को सब्‍जी आदि में इस्‍तेमाल करने के लिए सरसो का तेल, सोयाबीन का तेल, सूरजमुखी का तेल इस्‍तेमाल करने की सलाह दी जाती है। उन्‍होंने कहा कि यदि थोड़ी महंगी चिकनाई का खर्च वहन कर सकते हैं तो ऑलिव ऑयल (जैतून का तेल), मूंगफली का तेल, राइस ब्रान ऑयल, देशी घी का इस्‍तेमाल करना ठीक रहेगा। उन्‍होंने बताया कि मधुमेही को दिन भर में 15 मिली लीटर तेल से बनी चीजें लेनी चाहिये।

 

डॉ सिन्‍हा का कहना है कि लोगों में एक गलत धारणा है कि प्रोटीन नहीं लेनी चाहिये क्‍योंकि यह गुर्दे के लिए नुकसानदेह है, उन्‍होंने कहा कि सीमित मात्रा में प्रोटीन लेना जरूरी है। इसके लिए सभी दालें सामान्‍य मात्रा में खायें, सोयाबीन का सेवन ज्‍यादा करें, इसके अलावा हरी मटर, सूखी मटर, राजमा, चना के साथ ही रोज एक मुट्ठी अंकुरित अनाज खाना चाहिये।

 

डॉ सिन्‍हा ने बताया कि डायबिटीज के रोगी कोल्‍ड ड्रि‍न्‍क, गन्‍ने का रस, आइसक्रीम, तरबूज, कुल्‍फी से परहेज करें। चावल न खायें, अगर खाना है तो माढ़ (स्‍टार्च) निकाल कर खायें।