समय-समय पर उठने वाले विवादों पर विराम लगेगा
लखनऊ. आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सकों के लिए लम्बे समय से विवाद का कारण बने रहे विषय कि उन्हें अंग्रेजी दवाओं की सलाह लिखने का अधिकार है या नहीं, पर अब उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के बयान और शासन के आदेश के विराम लग गया है. इन दोनों विधाओं के चिकित्सकों को 15 तरह की दवाओं को लिखने का अधिकार होगा, इस विषय पर स्थिति उसी तरह साफ़ हो गयी है जैसे बारिश के बाद आसमान.
आपको बता दें कि प्रदेश सरकार ने 9 अक्टूबर 2015 को एक आदेश जारी कर उन 15 तरह की दवाओं की लिस्ट भी जारी की थी, लेकिन इसके बाद इसका क्रियान्वयन करने में अधिकारियों ने लापरवाही बरती, जिसका नतीजा यह हुआ था कि बीच-बीच में यह मुद्दा उठता रहा कि आयुर्वेदिक और यूनानी चिकित्सक अंग्रेजी दवा लिख सकते हैं अथवा नहीं. सूत्र बताते हैं कि खासतौर से सरकारी क्षेत्र के आयुष चिकित्सकों के बीच इस आदेश को क्रियान्वयन कराने में लापरवाही बरती गयी.
जिन दवाओं को लिखने की अनुमति आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सकों को दी गयी है उनकी सूची वाला आर्डर सेहत टाइम्स आपको दिखा रहा है.
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