Friday , October 13 2023

जिस नन्‍हीं ‘परी’ के पंखों को रौंदा था दरिंदे ने, केजीएमयू ने दी उसे नयी उड़ान

रेप का शिकार चार वर्षीय बच्‍ची करीब 13 माह भर्ती रही अस्‍पताल में

लखनऊ। चार वर्ष की उस नन्‍हीं कली को वहशी दरिंदे ने साल भर पहले अपनी गंदी नीयत के साथ मसल दिया था, यह दर्दनाक घटना बच्‍ची के साथ ही उसके माता-पिता की आत्‍मा को भी झकझोर गयी थी। दरिंदे की हैवानियत का शिकार बच्‍ची को लेकर किंग जॉर्ज चिकित्‍सा विश्‍व विद्यालय आये उसके पिता को चिकित्‍सकों ने हौसला बंधाकर उस कोमल बच्‍ची का उपचार किया। लगभग 13 माह तक केजीएमयू में भर्ती रहने वाली इस बच्‍ची को शनिवार को अस्‍पताल से छुट्टी दे दी गयी है।

 

केजीएमयू प्रवक्‍ता के अनुसार किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग में ठाकुरगंज निवासी तीन वर्षीय रेप पीड़ित को शनिवार को डिस्चार्ज कर दिया गया। इस अवसर पर किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एमएलबी भट्ट ने दरिंदगी शिकार हुई इस बच्ची से मुलाकात कर उसे शुभकामनाएं दीं। गुड्डा-गुड़ियों का खेल खेलने वाली उम्र में हुए इस हादसे से उबार कर उसे शारी‍रिक रूप से स्‍वस्‍थ करने के काम को पीडियाट्रि‍क सर्जरी विभाग के मुखिया प्रो एसएन कुरील ने बखूबी निभाया। आपको बता दें कि पिछले वर्ष 3 मार्च 2018 को रेप का शिकार हुई सोनम को गंभीर हालत में केजीएमयू के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग में लाया गया था। जहां तीन जटिल ऑपरेशन के बाद पूर्णतया स्वस्थ अवस्था में बच्ची को शनिवार को  डिस्चार्ज किया गया।

 

इस बारे में जानकारी देते हुए डॉ एसएन कुरील ने बताया कि रेप के बाद बच्ची की योनि और गुदाद्वार का रास्ता आपस में एक हो गए थे, जिस वजह से उसे काफी रक्तस्राव हो रहा था और शौच पर भी नियंत्रण नहीं हो पाता था। उन्होंने बताया कि बच्ची का पहला ऑपरेशन मार्च 2018 के पहले सप्ताह में किया गया था। उसके बाद उसका दूसरा जटिल ऑपरेशन 30 नवंबर 2018 को उन्‍होंने (डॉ एसएन कुरील) एवं उनकी टीम द्वारा एक विशेष तकनीक से किया गया तथा तीसरा ऑपरेशन अभी बीती 18 मार्च को किया गया।

 

डॉ कुरील ने बताया कि बच्ची के गुदाद्वार की मांसपेशियों काफी क्षतिग्रस्त हो गई थीं, जिन्हें काफी जटिलता भरे ऑपरेशन एवं विशेष तकनीक के द्वारा पुनः वापस प्राकृतिक रूप में ले आया गया है। उन्होंने बताया कि बच्ची अब पूर्णतया स्वस्थ है और भविष्य में भी अब वह सामान्य जीवन जीने में सक्षम है।

 

उन्होंने बताया कि इस बच्ची का पूरा इलाज केजीएमयू के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग द्वारा निशुल्क किया गया है। ऑपरेशन करने वाली टीम में पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष एवं सर्जन डॉ एसएन कुरील, डॉ अर्चिका, डॉ गौरव, डॉ विपुल, डॉ सुनील एवं एनेस्थीसिया टीम में डॉ जीपी सिंह ने सहयोग दिया।