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कर्मचारियों का अस्तित्व खतरे में, निजीकरण की ओर बढ़ रही है सरकार : वीपी मिश्रा

-राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के द्विवार्षिक अधिवेशन में देश के कई राज्यों के पदाधिकारी भी हुए शामिल

-सुरेश रावत अध्यक्ष, गिरीश चन्द्र मिश्रा वरिष्ठ उपाध्यक्ष, महामंत्री अतुल मिश्रा, संप्रेक्षक प्रदीप त्यागी सर्वसम्मति से दोबारा निर्वाचित

सेहत टाइम्स

लखनऊ। इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वी पी मिश्र ने कहा है कि वर्तमान में कर्मचारियों का अस्तित्व खतरे में है क्योंकि सरकार राजकीय विभागों संस्थाओं का निजीकरण करती जा रही है। भर्तियां आउटसोर्स के माध्यम से हो रही हैं। आयोग द्वारा कुछ पदों पर चयन होता है तब तक उतने ही कर्मचारी सेवानिवृत्त हो जाते हैं स्थिति जहां की तहां रह जाती है।

वीपी मिश्रा ने यह बात आज 20 अप्रैल को यहां ए.पी. सेन सभागार लखनऊ विश्वविद्यालय में संपन्न राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश शासन द्वारा मान्यता प्राप्त के द्विवार्षिक अधिवेशन में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधन करते हुए कही। उन्होंने कहा कि विभागों में 75% आउटसोर्स के कर्मचारी हैं। शेष आउटसोर्सिंग संविदा के हैं जिन्हें बहुत ही कम पारिश्रमिक मिलता है उनका जीना दूभर हो गया है। उन्होंने कहा कि मध्यम श्रेणी के लोग भीषण महंगाई से त्रस्त हैं। बच्चों को शिक्षा दिलाना कठिन हो गया है। 90% कर्मचारी कर्ज पर जीवन चला रहे हैं। उन्होंने कर्मचारियों से अपील की है की जाति धर्म से हटकर अपनी एकता मजबूत करें।

अधिवेशन में देश के कई राज्यों के अध्यक्ष/महामंत्री विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। अधिवेशन में सुरेश रावत अध्यक्ष, गिरीश चन्द्र मिश्रा वरिष्ठ उपाध्यक्ष, महामंत्री अतुल मिश्रा, संप्रेक्षक प्रदीप त्यागी सर्वसम्मति से दोबारा निर्वाचित किए गए।

यह जानकारी देते हुए परिषद के अध्यक्ष सुरेश रावत एवं महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि इस अधिवेशन में 75 जनपदों के अध्यक्ष/मंत्री एवं संबद्ध संगठनों के अध्यक्ष/महामंत्री एवं पर्यवेक्षक शामिल थे। सर्वप्रथम मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों छत्तीसगढ़, हिमाचल, जम्मू एंड कश्मीर, गुजरात के अध्यक्ष/महामंत्री को पुष्प गुच्छ एवं अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया।

अधिवेशन में छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष अनिल शुक्ला एवं ओपी शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने एक देश एक चुनाव का नाम दिया है। कर्मचारियों की मांग है कि एक देश एक वेतन भर्ती सुविधाएं कर्मचारियों को दी जाएं जिससे देश में आंदोलन बंद हो जाएंगे।

सभा को सम्बोधित करते हुए जम्मू कश्मीर के अध्यक्ष शाह फैजल ने कहा कि आठवें वेतन आयोग के अध्यक्ष का चयन एवं वेतन आयोग को 1 जनवरी 2026 से लागू किया जाए। आउटसोर्सिंग संविदा पर भर्ती बंद कर सभी पदों पर नियमित भर्ती की जाए तथा पदोन्नतियां समय से की जाएं तथा पुरानी पेंशन को बहाल किया जाएं। क्योंकि पेंशन के बिना सेवानिवृत कर्मचारियों का जीना दूभर हो गया है एक देश एक पेंशन को लागू किया जाए।

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के नवनिर्वाचित पदाधिकारी सुरेश कुमार रावत, वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरीश कुमार मिश्रा एवं महामंत्री अतुल मिश्रा ने इप्सेफ के पदाधिकारियों का अभिवादन करते हुए विश्वास दिलाया कि देशभर के कर्मचारियों के हित में जो भी कार्यक्रम होगा उसे पूर्व की भांति सफल बनाया जाएगा। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि उत्तर प्रदेश सरकार के प्रभारी अधिकारी वार्ता मांगों पर नहीं करते हैं यहां तक कि सचिवालय प्रवेश पत्र भी जारी नहीं किये जा रहे हैं, जिससे संगठन के पदाधिकारी शासन में संपर्क नहीं कर पाते हैं। मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव के आदेश पर कोई सुधार नहीं हो रहे हैं, जिससे बड़े आंदोलन की स्थिति बन रही है, जिसका उत्तरदायित्व राज्य सरकार का होगा।

अधिवेशन में जवाहर भवन इंद्रा भवन महासंघ के अध्यक्ष सतीश पांडेय, डी पी ए के अध्यक्ष संदीप बडोला, कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के कैसर रजा, निगम महासंघ के अध्यक्ष मनोज मिश्रा एवं महामंत्री घनश्याम यादव लखनऊ, परिषद के सचिव डा पी के सिंह, कोषाध्यक्ष राजीव तिवारी आदि प्रांतीय पदाधिकारियों एवं मंडलीय/संगठन के पदाधिकारी भी मौजूद रहे।

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