-संस्थान के पीडियाट्रिक सर्जरी सुपरस्पेशियलिटी विभाग ने हासिल की अग्रणी सर्जिकल उपलब्धि

सेहत टाइम्स
लखनऊ। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआईएमएस) के बाल चिकित्सा सर्जिकल (पीडियाट्रिक सर्जरी) सुपरस्पेशलिटी विभाग ने एक अग्रणी सर्जिकल उपलब्धि हासिल की है। विभागाध्यक्ष डॉ बसंत कुमार की टीम ने संस्थान में पहली बार एक बच्ची की रोबोटिक-सहायता प्राप्त अनुदैर्ध्य पैंक्रियाटिकोजेजुनोस्टॉमी longitudinal pancreaticojejunostomy (LPJ) सफलतापूर्वक की है। बच्ची क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस और पैंक्रियाटिक स्यूडोसिस्ट से पीड़ित थी। खास बात यह है कि सफल रोबोटिक सर्जरी होने से बच्ची के पेट पर बड़ा चीरा नहीं लगाना पड़ा, जिससे उसके पेट पर बड़ा निशान नहीं पड़ेगा। सर्जरी 19 जुलाई को की गयी।
डॉ बसंत कुमार ने बताया बच्ची को कई महीनों से पेट में तेज दर्द की शिकायत थी, उसका वजन कम हो रहा था, साथ ही पेट के ऊपरी हिस्से में सूजन भी थी। बाल चिकित्सा गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में प्रारंभिक मूल्यांकन से पता चला कि एक बड़े स्यूडोसिस्ट के कारण क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस जटिल हो गया था, जिसके लिए सर्जिकल हस्तक्षेप की आवश्यकता थी। बच्चे को स्यूडोसिस्ट से रक्तस्राव भी हुआ था, जिसके लिए शीघ्र सर्जिकल हस्तक्षेप की आवश्यकता थी। एलपीजे, जिसे पुएस्टो प्रक्रिया के रूप में भी जाना जाता है, ओपन सर्जरी या मिनिमल इनवेसिव सर्जरी से किया जा सकता है, लेकिन ऑपरेशन की जटिलता और पेट पर बड़ा निशान बचाने के चलते फैसला किया गया कि एडवांस रोबोटिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाये।
डॉ. बसंत ने बताया कि इस बच्ची में रोबोटिक सर्जरी के इस्तेमाल से बेहतर परिशुद्धता, आवर्धित 3D दृष्टि और बेहतर निपुणता प्राप्त हुई, जिससे सर्जिकल टीम उदर गुहा में गहराई तक ऑपरेशन कर सकी। रोबोटिक सर्जरी के इस्तेमाल से तेजी से रिकवरी हुई और सर्जिकल निशान भी छोटा रहा।
उन्होंने बताया कि ऑपरेशन के बाद बच्ची अच्छी तरह से ठीक हो गयी और उसे अच्छे स्वास्थ्य में अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि उन्नत बाल चिकित्सा सर्जिकल देखभाल में बाल चिकित्सा सर्जिकल सुपरस्पेशलिटी विभाग की बढ़ती विशेषज्ञता को उजागर करती है और हमें बच्चों में जटिल अग्नाशय और जठरांत्र संबंधी प्रक्रियाओं में रोबोटिक सर्जरी को व्यापक रूप से अपनाने के लिए प्रोत्साहित करती है।
रोबोटिक सर्जिकल टीम में डॉ. बसंत के साथ डॉ. अंकुर, डॉ. विजय, डॉ. अंजू, डॉ. रोहित, डॉ. पूजा और अन्य रेजिडेंट डॉक्टर शामिल रहे, जबकि एनेस्थीसिया विभाग से डॉ. अमित और डॉ. दिव्या आदि शामिल रहे।

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