अपनी फिल्म प्रस्थानम के प्रमोशन और उसके एक गाने की रिजीजिंग के मौके पर पहुंचे लखनऊ

लखनऊ। बॉलीवुड अभिनेता भले ही अपनी नयी फिल्म प्रस्थानम में सफल और मंजे हुए राजनीतिज्ञ की भूमिका में हैं लेकिन असल जिन्दगी में वह राजनीति में नहीं आना चाहते हैं। यह बात संजय दत्त ने शुक्रवार को पत्रकारों के सवाल के जवाब में कही। आपको बता दें कि यहां गोमती नगर स्थित होटल हयात में संजय दत्त शुक्रवार को अपनी फिल्म प्रस्थानम के प्रमोशन के लिए आये थे। इस फिल्म का एक गाना शुक्रवार को ही लखनऊ और जयपुर में रिलीज किया गया है। संजय दत्त के साथ उनकी पत्नी मान्यता दत्त जो कि फिल्म की प्रोड्यूसर हैं, तथा फिल्म के दूसरे स्टार कास्ट अली फजल, अमीरा दस्तूर और सत्यजीत दुबे भी उनके साथ आये थे। फिल्म के अन्य मुख्य कलाकारों में मनीषा कोइराला, जैकी श्रॉफ तथा चंकी पाण्डेय भी हैं।
संजय दत्त ने बताया कि उनकी यह फिल्म प्रस्थानम राजनीति पर आधारित है, और इसीलिए उन्होंने इसकी काफी शूटिंग लखनऊ में की है। उन्होंने कहा कि लखनऊ के राजनीतिक माहौल का कोई जवाब नहीं है। संजय दत्त का मानना है कि राजनीतिक माहौल के लिए ही हमने लखनऊ को चुना। बाकी यहां के लोगों का प्यार, यहां के व्यंजन आदि लाजवाब हैं। उन्होंने बताया कि लखनऊ, कानपुर मेरे लिए नया नहीं है। अनेक बार मैं यहां आया हूं।
संजय दत्त ने पत्रकारों के ढेर सारे सवालों के जवाब बहुत ही बेबाकी से दिये। हालांकि जब उनसे उनके पसंदीदा किरदार के बारे में पूछा गया तो इस सवाल का जवाब वह नहीं दे पाये और टाल गये। यह पूछने पर कि आपके लिए क्या बड़ी चुनौती है, इस पर उनका कहना था कि मैं किसी भी चीज को बड़ी चुनौती नहीं मानता हूं, क्योंकि मैं ऐसी-ऐसी स्थितियों से गुजरा हूं तो कोई भी बात मेरे लिए चुनौती नहीं है।
प्रस्थानम के निदेशक व लेखक देवा कट्टा हैं तथा इसकी कहानी मुख्य रूप से एक सफल राजनीतिज्ञ बलदेव प्रताप सिंह और उसके दो बेटों आयुष और विवान पर केंद्रित है। इनमें एक मोमबत्ती की तरह है और दूसरा जंगल की आग की तरह है। ऐसी स्थिति में बलदेव के साम्राज्य और उनकी अखंडता के लिए दोनों बेटे क्या करते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा।

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