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सही हाथों से ही करायें पैथोलॉजी जांच, क्‍योंकि इसी पर टिका होता है इलाज

लखनऊ पैथोलॉजी ग्रुप ने आयोजित की चिकित्‍सा संगोष्‍ठी

 

लखनऊ 17 नवम्बर। जनता को बताइये कि पैथोलॉजी जांच सही हाथों से ही कराये, क्‍योंकि इसी जांच पर टिका होता है साधारण से लेकर गंभीर बीमारियों का इलाज। जनता के बीच जागरूकता फैलाना इसलिए जरूरी है क्‍योंकि पैथोलॉजिस्‍ट के नाम पर सुप्रीम कोर्ट से तय की गयी योग्‍यता से कम योग्‍य व्‍यक्ति धड़ल्‍ले से पैथोलॉजी चला रहे हैं। यही नहीं लोगों को यह भी समझाइये कि आजकल ऑनलाइन पैथोलोजी चल रही हैं, इनके चक्‍कर में न पड़ें, जांच के लिए नमूना खुद लैब में जाकर दें, इससे गुणवत्‍ता बनी रहती है।

 

यह सलाह केजीएमयू के कलाम सेंटर में लखनऊ पैथोलॉजी ग्रुप के तत्वावधान में एक चिकित्सा संगोष्‍ठी के दौरान नये पैथोलॉजिस्‍टों को दी गयी। संगोष्‍ठी में निजी और सरकारी क्षेत्रों में काम करने वाले पैथोलोजिस्ट ने भाग लिया। ऐसे आयोजन समय समय पर आयोजित किये जाते है जिसका उद्देश्‍य आधुनिक जांच तकनीकों की जानकारी को पैथोलॉजी चिकित्‍सकों के मध्य साझा करना है। इस बार के विशेष सत्र में निजी क्षेत्र में पैथोलॉजी सेंटर की समस्याओं पर चर्चा हुई साथ ही समाधान के रास्ते भी बताए गए।

 

अप्रशिक्षित लोगों द्वारा संचालित लैब से गलत जांच द्वारा मरीजों के इलाज प्रभावित होने पर भी चर्चा की गई इसके लिए ‘अपने पैथोलॉजिस्ट को जानिये’ अभियान से नए पैथोलोजिस्ट को अवगत कराया गया तथा आम जन को सही जांच के महत्व को बताने का निर्णय लिया गया। साथ ही आज कल बड़ी बड़ी कॉरपोरेट लैब द्वारा जांच की ऑनलाइन मार्केटिंग करने पर भी चर्चा की गई ये सलाह दी गयी कि लोगों को अपने पैथोलोजी डॉक्टर से सलाह कर के जांच करानी चाहिए साथ जांच का नमूना लैब में ही जा कर देना चाहिए जिससे जांच की गुणवत्ता बनी रहती है।

 

इस अवसर पर डॉ सुधीर श्रीवास्तव, डॉ बन्दना मेहरोत्रा, डॉ पी के गुप्ता, डॉ दीपक दीक्षित, डॉ अमित रस्तोगी, डॉ रश्मि चतुर्वेदी, डॉ विनी टंडन आदि ने अपने विचार व्यक्त किये। आयोजक डॉ आशुतोष कुमार ने लोगों का स्वागत किया तथा डॉ मनोज जैन ने धन्यवाद ज्ञापित किया।