Tuesday , October 17 2023

देर रात तक लखनऊ के अस्पतालों में पहुँचते रहे एनटीपीसी हादसे के मरीज

 

यहाँ पहुँचने वाले ज्यादातर मरीज 90 से 100 फीसदी जले हैं

 

लखनऊ. एनटीपीसी ऊंचाहार में बायलर के फटने से घायल हुए लोगों को देर रात तक राजधानी के अस्पतालों में आना जारी था. रात्रि एक बजे की सूचना के अनुसार 16 एम्बुलेंस 30 और मरीजों को लेकर लखनऊ आ रही हैं, इनमें एम्बुलेंस पीजीआई तथा बाकी सिविल अस्पताल ले जाई जायेंगी. अगर सिविल में बेड फुल हो गए तो मरीजों को केजीएमयू के ट्रामा सेंटर ले जाया जायेगा. डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल में रात्रि 11.45 तक 20 मरीज आ चुके थे इनमें एक मृत अवस्था में पहुंचा. जबकि केजीएमयू के अधीक्षक डॉ. विजय कुमार ने आधी रात के बाद 12.40 पर बताया कि ट्रामा सेंटर में अभी तक 10 मरीज आये हैं इनमें एक मृत अवस्था में पहुँचा था. उन्होंने बताया कि अभी 30 एम्बुलेंस से और मरीज आने की सूचना है सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में जले हुए लोगों का आना जारी था. मरीज के पहुँचते ही डॉक्टर उसका ट्रीटमेंट शुरू कर रहे थे. अस्पताल में तैनात दोनों प्लास्टिक सर्जन डॉ. प्रदीप तिवारी और डॉ. आरपी सिंह इस मरीज से उस मरीज तक हालत का जायजा ले रहे थे.

सिविल अस्पताल में 25 वर्षीय कमलेश प्रसाद तथा केजीएमयू में जगलाल यादव मृत अवस्था में पहुंचे थे. इसके अलावा अमृत लाल 45, वीरेंद्र कुमार यादव, चंदर कुमार 40, अजय कुमार 40, नागेश काटरू, शाहनवाज 21, सियाराम 55, छोटे लाल, राम देव, चन्द्र प्रताप सिंह 24, मनोज कुमार 40, पुष्पराज सिंह 27, राकेश कुमार 23, देव लाल 26, मुकेश कुमार 25 शामिल हैं. इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर ने बताया कुछ मरीज ऐसे हैं, जिनके साथ कोई नहीं आया है तथा वह बेहोशी की हालत में हैं इसलिए उन्हें अज्ञात में भर्ती किया गया है.

सिविल अस्पताल के निदेशक डॉ. हिम्मत सिंह दानू और अधीक्षक डॉ. आशुतोष दुबे ने बताया कि अस्पताल में ऊंचाहार से रात्रि 9 बजे से मरीजों का आना शुरू हुआ. डॉ.दुबे ने बताया कि यहाँ आने वाले मरीजों में 4 मरीज ऐसे हैं जो 20 से 60 प्रतिशत जले हैं, जबकि बाकी 90 से 100 फीसदी जले मरीज आये हैं. एक सवाल के जवाब में डॉ. दुबे ने बताया कि मोटे तौर पर यह समझ लीजिये कि व्यक्ति जितना प्रतिशत जलता है उसके बचने की संभावना उतने ही प्रतिशत कम होती है. उन्होंने कहा कि जले हुए मरीज की मौत की मुख्य वजह इन्फेक्शन का होना है.

डॉ. दुबे ने बताया के सभी मरीजों को फिलहाल इमरजेंसी में रख कर ट्रीटमेंट किया जा रहा है. इसके बाद जरूरत के अनुसार मरीजों को बर्न वार्ड में शिफ्ट किया जायेगा. यहाँ 50 बेड की बर्न यूनिट है जिसमें 39 बर्न के मरीज पहले से भर्ती हैं.

इस बीच मंत्रियों व अन्य लोगों का भी अस्पतालों में पहुंचना लगा रहा. मुख्य लोगों में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या, मंत्री सुरेश पासी, प्रमुख सचिव गृह अरविन्द कुमार, प्रमुख सचिव मेडिकल एजुकेशन रजनीश दुबे, मनकामेश्वर मंदिर की महंत देव्यागिरी आदि ने अस्पताल पहुँच कर घायलों को देखा.

 

चारों ओर काला धुंआ ही धुंआ था

एनटीपीसी में पेंटिंग का काम करने वाले मजदूर हरी शंकर और मायाराम इमरजेंसी के बाहर बैठे थे. दोनों ने बताया कि हम 25 लोग पेंटिंग का काम कर रहे थे, उनमें से सिर्फ चार लोग लोग बच पाए बाकी सभी मजदूर जल गए. ये लोग हलके-फुल्के आग के शिकार हुए. घटना के बारे में पूछने पर इन लोगों ने बताया कि करीब 3.30 बजे हम लोगों ने देखा कि राख उड़ रही थी, चारों ओर काला धुंआ छा गया, जिसके कारण घुप अँधेरा हो गया था

 

 

 

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.