लखनऊ में 45 और लोगों में स्वाइन फ्लू होने की पुष्टि
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की जनता को स्वाइन फ्लू घेरे हुए है, रोज ही नये-नये दर्जनों मामले सामने आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश में स्वाइन फ्लू का कहर जारी है, रोजाना दर्जनों नए मरीज सामने आ रहे हैं. पूरे उत्तर प्रदेश में इस साल 15 अगस्त तक स्वाइन फ्लू से ग्रस्त होने वालों की संख्या 809 पहुँच गयी है जबकि 26 लोगों की मौत हो चुकी है। बात अगर लखनऊ की करें तो यहां बुधवार को 45 नये मरीज सामने आये हैं इसके बाद अकेले लखनऊ में ही स्वाइन फ्लू के इस साल 534 मरीज सामने आ चुके हैं जबकि 5 लोगों की मौत हो चुकी है। हवा में फैलने वाले इस रोग पर काबू पाने के लिए अब प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण ने प्रदेश के समस्त मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को सभी स्कूलों में सुबह होने वाली प्रार्थना सभाओं पर फिलहाल रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।
प्रमुख सचिव ने प्रदेश में स्वाइन फ्लू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने जिलों के सभी निजी और सरकारी स्कूलों में फिलहाल प्रार्थना सभाओं पर रोक लगा दें। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारियों से कहा गया है कि वे सभी स्कूलों के प्रिंसिपल को ऐसे प्रयास करने का ऐसे निर्देश दें, जिससे एक समय में ज्यादा बच्चे एक स्थान पर एकत्र न हों।
लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जीएस बाजपेई द्वारा दी गयी सूचना के अनुसार स्वाइन फ्लू के केस किसी विशेष प्रकार के इलाकों में ही नहीं सभी तरह के क्षेत्रों में पाए जा रहे हैं. हजरतगंज, राजाजीपुरम, इंदिरा नगर, गोमती नगर, अलीगंज, कानपुर रोड एलडीए कॉलोनी, चारबाग, अमीनाबाद, आलमबाग-अमौसी, रायबरेली रोड, चौक आदि क्षेत्रों में इसके मरीज पाये जा रहे हैं।
ज्ञात हो कि स्वाइन फ्लू के कीटाणु हवा में उडकऱ इन्फेक्शन फैलाते हैं इसलिए अत्यन्त सावधानी की आवश्यकता होती है। चिकित्सकों के अनुसार अगर एक ही घर में अगर किसी को स्वाइन फ्लू हो गया तो यह जरूरी है कि रोगी को आइसोलेट कर दिया जाये। उन्होंने बताया कि इसके शुरुआती लक्षण खांसी, जुकाम होने पर ही अगर सावधानी बरती जाये तो दूसरे को संक्रमण की संभावना समाप्त हो जाती है। उन्होंने कहा कि यहां यह साफ कर दूं कि यह जरूरी नहीं है कि खांसी-जुकाम वाले सभी व्यक्तियों को स्वाइन फ्लू हो लेकिन चूंकि स्वाइन फ्लू के शुरुआती लक्षण भी खांसी जुकाम होता है इसलिए जरूरी है खांसते-छींकते समय रोगी मुंह पर रूमाल लगा लें, दूसरों से हाथ न मिलायें, अपने हाथों को थोड़ी-थोड़ी देर पर धोते रहें।

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