Wednesday , October 11 2023

कोविड अस्‍पतालों में चिकित्‍सा कर्मियों की ड्यूटी के लिए नयी व्‍यवस्‍था, पैसिव क्‍वारेंटाइन भी समाप्‍त

-कम मरीज भर्ती होने की स्थिति में कम कर्मियों की ड्यूटी लगेगी

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश शासन ने कोविड अस्‍पतालों में लगने वाली ड्यूटी के लिए चिकित्‍सा कर्मियों की संख्‍या का पुनरीक्षण करते हुए नयी व्‍यवस्‍था लागू कर दी है। अब मरीजों की संख्‍या कम होने पर कम चिकित्‍सा कर्मियों की ड्यूटी लगायी जायेगी। शासन का मानना है ऐसा करने से कम किये गये कर्मियों से आगे की ड्यूटी करायी जा सकेगी। साथ ही कर्मचारियों के लिए की जाने वाली व्‍यवस्‍था में भी बचत हो सकेगी। यही नहीं बचे हुए चिकित्‍सा कर्मियों का उपयोग नॉन कोविड रोगियों की चिकित्‍सा में किया जा सकता है। इसके साथ ही शासन ने अब पैसिव क्‍वारेंटाइन की व्‍यवस्‍था समाप्‍त कर दी है।

स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद द्वारा 31 मई को जारी आदेशों में कहा गया है कि यह देखा गया है कि कतिपय केंद्रों पर भर्ती रोगियों की संख्‍या कम होने पर भी कार्यरत टीम में समस्‍त मानव संसाधन का उपयोग हो रहा है, जबकि कम मानव संसाधन में भी गुणवत्‍तापूर्ण कार्य किया जा सकता है तथा मानव संसाधन को संरक्षित कर आगे उपयोग में लाया जा सकता है, इस प्रकार पीपीई किट, एक्टिव क्‍वारेंटाइन फैसिलिटी का भी औचित्‍यपूर्ण प्रयोग हो सकेगा।

आदेश में कहा गया है जिन एल-2 फैसिलिटी पर रोगी वेंटिलेटर पर न रखा गया हो वहां पर बेहोशी के डॉक्टर एवं वेंटिलेटर के लिए आरक्षित स्टाफ नर्स की ड्यूटी न लगाई जाए, इसके साथ ही फैसिलिटी पर रोगियों की संख्या कम होने पर चिकित्सक एवं स्टाफ की भी संख्या समानुपातिक की जा सकती है, इस तरह से बचे हुए चिकित्सक एवं स्टाफ का उपयोग नॉन कोविड ड्यूटी में लिया जा सकता है।

एक और बिंदु में कहा गया है डेडीकेटेड कोविड फैसिलिटी पर चिन्हित/ गठित समस्‍त चिकित्‍सीय दल की रोस्टर बनाते हुए ड्यूटी लगाई जाए जिससे किसी भी दल की ड्यूटी की बार-बार पुनरावृत्ति न हो। चिकित्सीय दलों के एक्टिव क्वॉरेंटाइन में रहने के लिए आवासीय सुविधा के लिए धनराशि उपलब्ध कराए जाने पर सम्यक विचारोपरान्‍त यह निर्णय लिया गया है कि पैसिव क्वॉरेंटाइन की व्यवस्था तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई है। चिकित्सकीय दल के एक्टिव क्वॉरेंटाइन के लिए पहली प्राथमिकता सरकारी गेस्ट हाउस होंगेंगे, तदनंतर समीपस्‍थ अन्‍य सरकारी यूनिवर्सिटी/कॉलेज के हॉस्टल में व्यवस्था की जाएगी। इन भवनों में उपलब्ध ना होने की स्थिति में एक्टिव के लिए मितव्ययिता को ध्यान में रखते हुए पैसिव क्वॉरेंटाइन के लिए निर्धारित धनराशि सीमा तक होटल, लॉज या निजी गेस्ट हाउस पर व्‍यय किया जा सकता है।