Wednesday , October 11 2023

प्राकृतिक संसाधनों के बचाव पर ध्‍यान देने की जरूरत

वृक्षारोपण एवं पर्यावरण पखवाड़ा के अंतर्गत केजीएमयू में कार्यक्रम आयोजित

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एमएलबी भट्ट ने कहा है कि हवा, पानी आदि सभी प्राकृतिक संसाधनों के बचाव पर ध्यान देने की आवश्यकता है तभी मनुष्य का स्वास्थ्य जीवन भर सुरक्षित रह सकता है।

कुलपति ने यह आह्वान आज केजीएमयू में उत्तर प्रदेश सरकार के वृक्षारोपण एवं पर्यावरण पखवाड़ा के अन्तर्गत ‘दैनिक जागरण’  के साथ संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पर्यावरण सुरक्षा संगोष्ठी एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम के मौके पर किया।

कुलपति ने वहां उपस्थित चिकित्सकों, छात्र-छात्राओं एवं कर्मचारियों से पर्यावरण की सुरक्षा के साथ ही साथ मानवता के लिए भी एक-एक पेड़ लगाने का अनुरोध किया। उन्होंने समाचार पत्र की अनूठी पहल आधा गिलास पानी की प्रशंसा करते हुए कहा कि पानी की फिजूलखर्ची पर रोक लगाने की आवश्यकता है। पानी बहुमूल्य प्राकृतिक सम्पदा है और अगर किसी व्यक्ति को कम प्यास लगी हो तो उसे पूरा गिलास पानी देने की बजाय सिर्फ आधा गिलास पानी ही दिया जाए ताकि पानी की बर्बादी को रोका जा सके।

इस कार्यक्रम में समाचार पत्र के स्‍थानीय सम्‍पादक सदगुरु शरण अवस्थी ने विकास के नाम पर लगातार पेड़ काटे जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यदि विकास किए जाने पर पेड़ काटे जाएं तो यह भी आवश्यक है कि उससे ज्यादा पेड़-पौधे लगाए भी जाए। इस अवसर पर उन्होंने चिकित्सकों को पेड़ लगाए जाने के प्रति ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक किए जाने का अनुरोध करते हुए कहा कि आमजन चिकित्सकों की बातों को ज्यादा गंभीरता से लेते है और यदि कोई मरीज उनको पास आए तो पेड़-पौधे उनके स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के लिए कितने आवश्यक है इसके बारे में जागरूक करें।

इस अवसर पर ट्रामा सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ संदीप तिवारी ने कुलपति से ओपीडी के पर्चे पर पेड़ लगाए जाने के प्रति लोगों को जागरूक किए जाने के लिए एक संदेश छपवाने का सुझाव दिया जिसे कुलपति ने अपनी स्वीकृति प्रदान की। इस कार्यक्रम के समापन पर डीन, पैरामेडिकल साइंसेस डॉ विनोद जैन ने धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डीन, नर्सिंग डॉ मधुमति गोयल, डीन, छात्र कल्याण, प्रो जीपी सिंह, प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ एसपी जयसवार, केजीएमयू पर्यावरण विभाग की डॉ कीर्ति श्रीवास्तव उपस्थित रहीं।