Monday , December 11 2023

श्रीराम भुजंगप्रयातस्तोत्रम सीखें और दूसरों को सिखायें : शंकराचार्य भारती महास्वामी

-श्री सच्चिदानंद निष्काम सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित दस दिवसीय कार्यक्रम का समापन

सेहत टाइम्स

लखनऊ। यहां चूरामनपुरवा स्थित श्री सच्चिदानन्द निष्काम सेवा ट्रस्ट (सम्बद्ध आस्था वृद्धाश्रम) के तत्वावधान में आध्यात्मिकता एवं अद्वैत वेदांत के लिए प्रसिद्ध मैसूर, कर्नाटक स्थित योगानंदेश्वर सरस्वती मठ के पीठाधीश्वर श्री श्री शंकराचार्य भारती महास्वामी ने अपने दस दिवसीय लखनऊ प्रवास के दसवें दिन 10 दिसम्बर को प्रवचनों के माध्यम से ज्ञान की गंगा बहाते हुए कहा कि हमारे जीवन में एक परमात्मा है, उनके शरणागत होना अत्यन्त आवश्यक है, उनका अनुग्रह आवश्यक है, उनका हम चिंतन करते आ रहे हैं, एक बड़ा प्रश्न है कि किसी ने भगवान को देखा है, और अगर नहीं देखा है तो कैसे मान लिया जाये कि भगवान होते हैं। इसका उत्तर है कि हां भगवान होते हैं, उपनिषद में बताया गया है कि इसके पांच उदाहरण दिये हैं, इनमें एक तरह के बारे में मैं आप लोगों को बताऊंगा।

स्वामी जी ने कहा कि सोते समय हमारी इंद्रियां (आंख, कान, नाक आदि) भी विश्राम लेती हैं, हमारे अंदर सिर्फ प्राण ऐसे हैं जो विश्राम नहीं लेते हैं, बिना विश्राम लिये प्राण हमारे शरीर में सक्रिय रहते हैं, इन प्राणों को सक्रिय रखती है हमारे अंदर मौजूद बहुत बड़ी शक्ति यानी परमात्मा।

स्वामी जी ने कहा कि हर दिन हमारे अंदर तीन अवस्थाएं होती हैं जागृत, स्वप्नावस्था और नींद, सभी अवस्थाएं अलग-अलग तरह की होती हैं। उन्होंने कहा कि शंकराचार्य जीका कहना है कि इन अवस्थाओं को हम कहते हैं कि ये मेरी अवस्था है जबकि इनमें होने वाले बदलाव पर हमारा कोई जोर नहीं है, फिर भी हम कहते हैं कि ये मेरी है, उन्होंने कहा कि वेदान्त भारती के माध्यम में हम पूरे देश में शंकराचार्य जी के स्तोत्र का प्रसार कर रहे हैं, उत्तर प्रदेश में भी हम दो-तीन साल से कोशिश कर रहे हैं, वाराणसी में कुछ छात्रों को ये स्तोत्र सिखाये थे, लखनऊ में डॉ अनामिका पाण्डेय कुछ लोगों को सिखाती हैं, सभी लोगों को सिखाना हमारा उद्देश्य है, आप सब इन स्तोत्रों को स्वयं सीखें तथा दूसरों का सिखायें, तभी हमारे समाज में परिवर्तन आयेगा।

स्वामी जी ने अपने व साथ आये लोगों के लखनऊ प्रवास के लिए ठहरने आदि की व्यवस्था के लिए ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ अभिषेक शुक्ला और डॉ अनामिका पाण्डेय की विशेष प्रशंसा करते हुए नारायण स्मरण किया। प्रवचन के पश्चात डॉ अनामिका पाण्डेय ने उपस्थित भक्तों के साथ श्रीशंकराचार्यविरचित श्रीराम भुजंगप्रयातस्तोत्रम के सात श्लोकों का पाठ किया।

इस मौके पर स्वामी जी ने आश्रम परिसर में दो पौधे भी रोपित किये, इनमें एक पौधा आम का तथा दूसरा पौधा रुद्राक्ष का है, रुद्राक्ष का पौधा स्वामी जी को यहां डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में आयोजित कार्यक्रम में उपहारस्वरूप मिला था। कार्यक्रम का समापन दक्षिण भारतीय व्यंजनों वाले भोज के साथ हुआ।

अंतिम दिन के कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भक्त जुटे, इनमें पूर्व सीएमओ डॉ एके शुक्ला, केजीएमयू के रिटायर्ड सर्जन डॉ संदीप कुमार, डॉ रश्मि कुमार, रिटायर्ड आईएएस आरसी त्रिपाठी, रिटायर्ड आईएएस कैप्टन एसके द्विवेदी, रिटायर्ड आईएएस सीपी त्रिपाठी, प्रभाकर त्रिपाठी, प्रमिल द्विवेदी, एडवोकेट महेन्द्र नाथ पाण्डेय, ज्योतिषाचार्य पंकज अग्रवाल आदि शामिल थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.