-टीकाकरण के साथ ही प्रोटोकाल का पालन ही बचा सकता है वायरस से : डॉ सूर्यकान्त
सेहत टाइम्स
लखनऊ। कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रान तेजी के साथ देश में पांव पसारना शुरू कर दिया है। इस वैरिएंट के बारे में अभी तक के रिसर्च से जैसा कि निकलकर आ रहा है कि इसकी संक्रमण दर डेल्टा वैरिएंट से भी पांच गुना अधिक है किन्तु यह उतना घातक नहीं है, लेकिन यह बात उन लोगों पर कदापि नहीं लागू होती जो पहले से किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं या वृद्धावस्था में हैं। यह कहना है किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत का।
डॉ. सूर्यकांत का कहना है कि देश में 60 साल से ऊपर के करीब 11 करोड़ बुजुर्ग हैं जिनको इस वैरिएंट को लेकर खास सतर्कता बरतने की जरूरत है क्योंकि कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता के चलते वायरस उनके लिए घातक हो सकता है। इसके अलावा देश के करीब 10 करोड़ हाइपरटेंशन, नौ करोड़ क्रोनिक रेस्परेटरी डिजीज, सात करोड़ डायबिटीज, हृदय रोग, स्ट्रोक और अन्य मानसिक अस्वस्थता, कैंसर, टीबी, क्रोनिक किडनी डिजीज, क्रोनिक लिवर डिजीज के साथ ही अल्कोहल लेने वालों व धूम्रपान करने वालों को नए वैरिएंट से खास तौर पर सावधान रहने की जरूरत है।
डॉ सूर्यकान्त ने कहा कि नया वैरिएंट घातक न होते हुए भी इस वर्ग के लोगों के लिए दिक्कत पैदा कर सकता है । इसलिए यह बहुत जरूरी है कि इस श्रेणी में आने वाले सभी लोग समय से कोविड टीके की दोनों डोज अवश्य लगवा लें। इसके साथ ही पूरी कोशिश रहे कि भीड़भाड़ में जाने से बचें और एक दूसरे से दो गज की दूरी बनाकर रखें। बाहर निकलने पर मास्क से नाक और मुंह को पूरी तरह से ढंककर रखें। किसी भी अनजान वस्तु को छूने से बचें और किसी सतह या वस्तु को छूने के बाद हाथों को साबुन-पानी या सेनेटाइजर से अच्छी तरह से साफ जरूर करें।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-उत्तर प्रदेश के कोविड टीकाकरण के ब्रांड एम्बेसडर डॉ. सूर्यकांत का कहना है कि गर्भवती और बच्चों को भी कोरोना के नए वैरिएंट से बचाने के लिए खास सतर्कता बरतने की जरूरत है। खासकर इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने के लिए खानपान पर विशेष ध्यान दें। गर्भवती भी समय से कोविड टीके की दोनों डोज अवश्य लगवा लें। कोविड प्रोटोकाल का पालन भी इस वर्ग के लिए बहुत ही जरूरी है। ठंड में सर्दी, जुकाम, बुखार की समस्या भी आम है, इसलिए इस समय और भी सावधानी बरतने की जरूरत है क्योंकि कोरोना के लक्षण भी इससे मिलते-जुलते हैं। ऐसे में यदि मिलते-जुलते लक्षण नजर आयें तो समय से जांच जरूर कराएं। इस तरह अगर सभी वर्ग के लोग पूरी तरह से ठान लें और खास सतर्कता बरतें तो कोरोना के नए वैरिएंट से घर-परिवार के साथ समुदाय को भी पूरी तरह से सुरक्षित बनाया जा सकता है।