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स्‍टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर केजीएमयू में इंटर्न्‍स ने निकाला कैंडिल मार्च

मार्च में केजीएमयू सहित प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों के इंटर्न्‍स हुए शामिल

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। स्‍टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर एमबीबीएस और बीडीएस के केजीएमयू समेत प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों के इंटर्न्‍स ने मंगलवार 21 जुलाई को सायंकाल में केजीएमयू परिसर में शान्तिपूर्ण कैंडल मार्च निकाला और सरकार से मांग की कि उनका स्टाइपेंड बढ़ा कर केंद्रीय संस्थानों के समान किया जाए।

इन इंटर्न्‍स का कहना है कि पिछले 3-4 महीनों से लगातार हम लोग अपनी बात सरकार तथा प्रशासन तक पहुँचा रहे हैं और इस सिलसिले में बीती 15 जुलाई को हम लोग प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक के साथ ही मंत्री चिकित्सा शिक्षा सुरेश खन्ना एवं अन्य मंत्रियों से भी मिले, परंतु कहीं से कोई आश्वासन नहीं मिला है जिसके उपरांत कैंडिल मार्च निकालने का यह कदम उठाया गया। इनका कहना है कि यदि हमारी मांगें पूर्ण नहीं हुईं तो हम आगे कार्य बहिष्कार के लिए बाध्य होंगे।

आपको बता दे कि उत्तर प्रदेश के इंटर्न चिकित्सको को मात्र 7500 प्रतिमाह मानदेय मिलता है, जो कि अन्य राज्यों तथा केंद्रीय संस्थानों में मिलने वाले मानदेय से बहुत कम है। असम में यही मानदेय 31500, कर्नाटक में 30000, पश्चिम बंगाल में 28050 रु तथा केंद्रीय संस्थानों में 23500 रु प्रतिमाह है। उत्तर प्रदेश के इंटर्न चिकित्सको के मानदेय में पिछले 10 साल से कोई बढ़ोतरी नहीं हुई जिसके लिए पिछले कई सालों से प्रयास कर रहे है। कोरोना महामारी के समय समस्त इंटर्न चिकित्सक संक्रमण की परवाह किये बिना अपनी सेवाएं दे रहे हैं।