लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्व विद्यालय में आने वाले मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। निवर्तमान कुलपति प्रो रविकांत के कार्यकाल में कुछ समय पूर्व बढ़ायी गयी जांच दरों, बेड शुल्क, प्राइवेट वार्ड आदि के शुल्क की बढ़ी दरों को वापस लेने का फैसला कुलपति प्रो एमएलबी भट्ट ने लिया है हालांकि इसका क्रियान्वयन केजीएमयू सलाहकार बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव पास होने के बाद ही होगा। इसी प्रकार मोहनलाल गंज में बने ट्रॉमा सेन्टर 2 चलाने की जिम्मेदारी अंतत: संजय गांधी पीजीआई को सौंपी जा रही है।
प्रो रविकांत ने लिया था वृद्धि का फैसला
कुलपति कार्यालय के अनुसार बढ़ी दरों को वापस लेने के कदम से मरीजों पर पड़ रहा आर्थिक बोझ कम होगा। ज्ञात हो पिछले कुलपति द्वारा फैसला लेने के बाद से यह फैसला चर्चा में रहा था तथा इसकी काफी आलोचना हुई थी लेकिन प्रो रविकांत ने सारी आपत्तियों को नकारते हुए फैसला नहीं बदला था। अब सत्ता बदली, कुलपति बदले तो बदल गया यहां का नजारा भी। हालांकि पिछले दिनों मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के केेजीएमयू आगमन पर उनके द्वारा मरीज हित सर्वोपरि रखने के साथ ही चिकित्सकों को खुली चेतावनी देने के बाद से एक बात तो तय थी कि मरीजों अब मरीजों के हितार्थ जितने भी निर्णय होंगे उसे करने से सरकार हिचकेगी नहीं।
ट्रॉमा-टू चलाने की जिम्मेदारी हटी
इसी प्रकार ट्रॉमा-टू संचालन की जिम्मेदारी अभी तक केजीएमयू के पास है, लेकिन संसाधनों के अभाव में इसका संचालन नाममात्र का हो रहा है, हालांकि इसके प्रॉपर तरीके से न चलने के पीछे केजीएमयू के अपने तर्क हैं। उसका कहना है कि केजीएमयू अपने संसाधनों से ही इसे चला रहा है। इसे चलाने के कारण ही केजीएमयू पर आर्थिक बोझ और बढ़ गया है। सच्चाई और हालात कुछ भी हों लेकिन अब नयी व्यवस्था यह होगी कि ट्रॉमा-टू का संचालन एसजीपीजीआई करेगा। हालांकि देखा जाये तो संजय गांधी पीजीआई भी अपने वर्तमान संसाधनों में इस ट्रॉमा-2 को चला पायेगा, इसमें संदेह ही है।

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