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रेस्‍पाइरेटरी के सात सर्वश्रेष्‍ठ रिसर्च पेपर्स में दो केजीएमयू की पासआउट छात्राओं के  

-स्‍पेन में होने वाली अंतर्राष्‍ट्रीय कॉन्‍फ्रेंस में शामिल होने के लिए भारत सरकार देगी यात्रा अनुदान का सम्‍मान

-कुलपति ने संस्‍थान का नाम ऊंचा करने के लिए की रेस्‍पाइरेटरी मेडिसिन विभाग की सराहना  

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। अंतर्राष्‍ट्रीय मंच पर एक बार फि‍र केजीएमयू का परचम लहराया है। यहां के रेस्‍पाइरेटरी मेडिसिन विभाग से एमडी पासआउट दो छात्राओं के शोध पत्रों को देश के सात सर्वश्रेष्‍ठ शोध पत्रों में स्‍थान मिला है। ये छात्राएं आगामी 4 से 6 सितम्‍बर तक बार्सीलोना (स्‍पेन) में होने वाली अंतर्राष्‍ट्रीय कॉन्‍फ्रेंस में अपने शोध पत्र प्रस्‍तुत करेंगी। नियमानुसार इनकी यात्रा में होने वाले व्‍यय के लिए भारत सरकार द्वारा प्रत्‍येक को 75 हजार रुपये का अनुदान (ट्रेवेल फैलोशिप) देकर सम्‍मानित किया जायेगा। इंडियन चेस्ट सोसाइटी के इतिहास में पहली बार एक ही संस्थान के दो छात्रों को इस अनुदान से सम्मानित किया गया है।

ज्ञात हो प्रत्येक वर्ष, यूरोपियन रेस्पिरेटरी सोसाइटी (ईआरएस) एक अंतरराष्ट्रीय कांग्रेस संगोष्ठी के लिए देश भर के शोधार्थियों के रिसर्च पेपर्स में से 7 पेपर्स को चुना जाता है, इन सातों पेपर्स के शोधार्थियों को सम्‍मेलन में भाग लेने के लिए भारत सरकार यात्रा व्‍यय प्रदान कर उनका सम्‍मान करती है। यह अंतर्राष्‍ट्रीय कॉन्‍फ्रेंस फेफड़ों से संबन्धित प्रमुख संगोष्ठियों में से एक है। इस अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में दुनिया के विभिन्न हिस्सों से 20,000 से अधिक प्रतिभागी हर वर्ष भाग लेते हैं। इस संगोष्ठी में श्वसन विशेषज्ञ एवं श्वसन चिकित्सा के क्षेत्र में नवीनतम वैज्ञानिक और आधुनिक प्रगति को प्रस्तुत करने और चर्चा करने के लिए एकत्रित होते हैं। इस वर्ष ईआरएस कांग्रेस 4 से 6 सितंबर के बीच ’’बार्सिलोना’’, स्पेन में आयोजित की जाएगी।

इंडियन चेस्ट सोसाइटी, जो देश के प्रख्यात चेस्ट फिजिशियन की संस्था है, कड़े प्रतिस्पर्धी मानदंडों के माध्यम से ईआरएस कांग्रेस में प्रस्तुति के लिए चुने गए 7 सर्वश्रेष्ठ शोध पत्रों को सम्मेलन में भाग लेने के लिए अनुमोदित करती है। यह गर्व की बात है कि रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ के दो नए उत्तीर्ण एम.डी. छात्रों (डा0 नंदिनी दीक्षित और डा0 अंकिता मंडल) के शोध को प्रतिष्ठित ईआरएस कांग्रेस में प्रस्तुति के लिए चुना गया था और दोनों को इस प्रतिष्ठित यात्रा अनुदान पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। विभागाध्यक्ष डा0 सूर्यकान्त ने बताया कि इस वर्ष डिपार्टमेन्ट ऑफ रेस्पिरेटरी मेडिसिन से कुल 3 शोध पत्रों को ईआरएस में प्रस्तुत करने के लिए चुना गया है।   

इंडियन चेस्ट सोसाइटी के पूर्व अध्यक्ष डॉ सूर्यकान्त ने बताया कि डा0 नंदिनी दीक्षित ने विभागाध्यक्ष डा0 सूर्यकान्त और डा0 अंकिता मंडल ने डा0 अजय कुमार वर्मा के निर्देशन में शोध कार्य किया है। विभागाध्यक्ष डा0 सूर्यकान्त व समस्त चिकित्सकों ने दोनों छात्राओं को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। केजीएमयू के कुलपति ने एक बार फिर रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग की तरीफ करते हुए दोनों प्रतिभागी रेजिडेन्ट चिकित्सकों को बधाई एवं शुभकामनाऐं दीं।

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