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डॉ सूर्यकांत को आईएमए का प्रतिष्ठित प्रेसीडेंट एप्रिसिएशन अवॉर्ड

-इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की 84वीं नेशनल कॉन्‍फ्रेंस में किया गया सम्‍मानित
प्रो सूर्यकान्त

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनि‍वर्सिटी (केजीएमयू) के रेस्पाइरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सूर्यकान्त को इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा प्रतिष्ठित प्रेसीडेन्ट एप्रिसियेशन अवार्ड से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार उन्हें मेरठ में इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन के 21 व 22 दिसम्बर को आयोजित 84वीं राष्ट्रीय कांन्फ्रेंस में प्रदान किया गया।

यह पुरस्कार उन्हें उनके द्वारा आई.एम.ए.एकेडेमी ऑफ स्पेशियलिटीज के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर उल्लेखनीय एकेडेमिक योगदान और समाजिक सेवा कार्यों के चलते प्रदान किया गया है। डा0 सूर्यकान्त के कार्यकाल में न सिर्फ 125 नये विशेषज्ञ सदस्य बनाये गये बल्कि उनकी कार्य अवधि के दौरान प्रदेश शाखा ने 12 फेलोशिप प्राप्त की साथ ही साथ इस दौरान 23 एकेडेमिक अयोजन और समाजिक सेवा एवं स्वास्थ्य शिवरों का भी सफलता पूर्वक अयोजन किया गया।

ज्ञात रहे कि डा0 सूर्यकान्त इण्डियन कॉलेज ऑफ एलर्जी, अस्थमा एण्ड एप्लाइड इम्यूनोलॉजी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। इसके साथ ही चेस्ट रोगों के विशेषज्ञों की राष्ट्रीय संस्था नेशनल कालेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन (एन0सी0सी0पी0) के भी राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। पूर्व में डा0 सूर्यकान्त इण्डियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन के मेडिकल साइंस प्रभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष और इण्डियन चेस्ट सोसाइटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके है। वे उत्तर प्रदेश ट्यूबरकुलोसिस स्टेट टास्क फोर्स, के चेयरमैन पद पर भी कार्यरत है। वे आई0एम0ए0 एकेडमी ऑफ मेडिकल स्पेेशलिटीज उ0प्र0 के भी चेयरमेन हैं एवं आई0एम0ए0 लखनऊ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इसके अलावा वे चिकित्सा विज्ञान सम्बंधित विषयों पर 16 किताबें भी लिख चुके है, इसके अलावा एलर्जी, अस्थ्मा के क्षेत्र में उनके अनेकशोध पत्र राष्ट्रीय एवं इंटरनेशनल जर्नल्‍स में प्रकाशित हो चुके है। वे पिछले दो दशक से अधिक समय से अपने लेखों व वार्ताओं के माध्यम से लोगो में एलर्जी, अस्थ्मा से बचाव व उपचार के बारे मे जागरूकता फैला रहे हैं।

डा0 सूर्यकान्त को पहले भी अमेरिकन कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन, ट्यूबरकुलोसिस एसोसिएशन ऑफ इण्डिया, इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन, इण्डियन चेस्ट सोसाइटी, नेशनल कालेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन आदि संस्थाओं द्वारा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें उ0 प्र0 सरकार द्वारा विज्ञान गौरव अवार्ड (विज्ञान के क्षेत्र में उ0प्र0 का सर्वोच्च पुरस्कार) और राज्य हिन्दी संस्थान द्वारा विश्वविद्यालय स्तरीय हिन्दी सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है। डा0 सूर्यकान्त का अब तक यह 117वाँ सम्मान है।