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भर्ती होने से लेकर रिकवरी तक मरीज की सुरक्षा और सहूलियत कैसे बढ़ायें

-अनुभवों और जानकारी को साझा करने के लिए देश-विदेश के दिग्गजों का लखनऊ में लग रहा जमावड़ा

-इण्डियन कॉलेज ऑफ़ एनेस्थेसियोलॉजिस्ट्स (ICA) के 5वें अंतरराष्ट्रीय और 15वें राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन 12 से 15 सितंबर तक

सेहत टाइम्स

लखनऊ। मरीज के अस्पताल में भर्ती होने से पूर्व से लेकर सर्जरी के बाद रिकवरी तक की सुरक्षा और सहूलियत को कैसे इम्प्रूव किया जा सकता है, नैदानिक परिणामों में किस प्रकार सुधार लाया जा सकता है जैसे विषय को केन्द्र में रखते हुए किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के एनेस्थेसिया विभाग द्वारा इण्डियन कॉलेज ऑफ़ एनेस्थेसियोलॉजिस्ट्स (ICA) के 5वें अंतरराष्ट्रीय और 15वें राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन 12 से 15 सितंबर तक किया जा रहा है। इस वर्ष 700 से अधिक पंजीकृत प्रतिभागी सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। चार दिन तक चलने वाले इस सम्मेलन का आयोजन केजीएमयू तथा होटल हॉलीडे इन में किया जायेगा।

यह जानकारी 11 सितंबर को आयोजित पत्रकार वार्ता में विभागाध्यक्ष प्रोफेसर मोनिका कोहली और सम्मेलन के आयोजन सचिव डॉ. तन्मय तिवारी ने देते हुए बताया कि इस वर्ष की थीम “Outcome Enhancement in Anesthesia – एनेस्थेसिया में परिणाम वृद्धि,” वाले इस सम्मेलन का उद्घाटन 14 सितंबर को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री मयकेंश्वर शरण सिंह एवं कुलपति केजीएमयू प्रो सोनिया नित्यानंद द्वारा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इण्डियन कॉलेज ऑफ़ एनेस्थेसियोलॉजिस्ट्स (ICA) की स्थापना 2008 में हुई थी। यह एक स्वायत्त शैक्षणिक संगठन है जिसका उद्देश्य एनेस्थेसियोलॉजी की शिक्षा और प्रशिक्षण में सुधार लाना है।

उन्होंने बताया कि विज्ञान, शिक्षा और तकनीकी नवीनीकरण पर केंद्रित सम्मेलन में कार्यशालाओं, मुख्य सत्रों, पैनल चर्चाओं, पेपर प्रस्तुतियों और ई-पोस्टरों सहित विभिन्न वैज्ञानिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह नई तकनीकों और शोधों को साझा करने के उद्देश्य से आयोजित हो रहा है। सम्मेलन में भारत सहित अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, इंग्लैंड और मस्कट सहित कई देशों के अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञ अपने अनुभव साझा करेंगे।

उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन में एनेस्थेसियोलॉजी के विभिन्न पहलुओं पर 12 कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा, जिसमें 250 से अधिक पोस्टग्रेजुएट छात्र हिस्सा लेंगे। देश-विदेश के 150 से अधिक फैकल्टी अपने अनुभव साझा करेंगे।
मुख्य कार्यशालाओं में शामिल हैं:

  1. एयरवे मैनेजमेंट
  2. USG एवं PNS मार्गदर्शित रीजनल एनेस्थीसिया
  3. एडवांस्ड वास्कुलर एक्सेस
  4. रिसर्च मेथोडोलॉजी
  5. हेमोडायनामिक मॉनिटरिंग
  6. क्रॉनिक पेन मैनेजमेंट
  7. पॉइंट ऑफ़ केयर अल्ट्रासाउंड
  8. मैकेनिकल वेंटिलेशन
  9. हाई रिस्क ऑब्स्टेट्रिक्स वर्कशॉप
  10. सिमुलेशन इत्यादि
  11. ⁠इमरजेंसी रिस्सिटेशन
  12. ⁠एबीजी ऐनालिसिस

पत्रकार वार्ता में बताया कि पहले दिन 12 सितंबर को पैरामेडिकल और नर्सिंग स्टाफ के लिए एक CME और हैंड्स-ऑन वर्कशॉप का आयोजन किया जाएगा, जिसका उद्घाटन प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा करेंगे।

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