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केजीएमयू में भारत के पहले पीडीयाट्रिक ऑर्थोपेडिक डिपार्टमेंट की शुरुआत, OPD आरम्भ

उच्च विशिष्टता वाले इस पीडियाट्रिक ऑर्थोपेडिक एवं स्पोर्ट्स मेडिसिन विभाग में 30 बिस्तर की IPD भी जल्द  

 

लखनऊ. किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के नवनिर्मित उच्च विशिष्टता वाले पीडियाट्रिक ऑर्थोपेडिक  एवं स्पोर्ट्स मेडिसिन विभाग के बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) का शुरुआत आज हो गयी. ज्ञात हो पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक्स विभाग भारत का पहला विभाग है जो यहाँ खोला गया है. कहने का तात्पर्य यह है कि अभी तक पूरे भारत वर्ष में बच्चों के लिए पृथक से हड्डी विभाग नहीं था, बच्चों और बड़ों दोनों के लिए एक ही विभाग में इलाज होता है. OPD की शुरुआत कुलपति प्रो0 मदनलाल ब्रह्म भट्ट द्वारा की गयी.

 

आपको बता दें अभी तक बच्चों के लिए आर्थोपेडिक्स विभाग के ही अंतर्गत केजीएमयू में 25 बिस्तरों की ऑर्थोपेडिक यूनिट की स्थापना की गई थी. तब से यह इकाई प्रो0 अजय सिंह की अध्यक्षता मे ऑर्थोपेडिक विकारों वाले बच्चों को विशेष उपचार प्रदान कर रही है, जैसे- हिप और रीढ़ की जन्मजात असमान्यता,  पैरों की जन्मजात विकृति, सेरेब्रल पाल्सी और कई अन्य विकार। यह यूनिट ट्रामा सेंटर में घायल बच्चो के उपचार में यू0एस0 आपातकालीन चिकित्सा और आघात के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के साथ एवं भारतीय सोसायटी ऑफ़ पीडियाट्रिक ट्रामैटोलाजी की देखरेख में स्थापित विशिष्ट प्रोटोकाल का पालन करती है।

 

इस यूनिट वर्तमान में प्रत्येक सप्ताह में 180 से 200 उपरोक्त विकृतियों से पीड़ित बच्चों का इलाज किया जा रहा है. इसके अलावा ट्रामा सेंटर में आने वाले सभी घायलों में से करीब 37-40 प्रतिशत घायल मरीज, बच्चे होते हैं, जिनका उपचार भी इस इकाई द्वारा किया जाता है। इस इकाई में इलाज के लिए यू0पी0, उत्तराखंड, बिहार एवं नेपाल से भी बच्चे आ रहे हैं, किन्तु मानव संसाधनों एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी के कारण, वर्तमान में शल्य क्रिया के लिए इंतजार कर रहे रोगी की अवधि लगभग 10-12 महीने हैं।

 

भारत का पहला पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक्स विभाग उत्तर प्रदेश सरकार के चिकित्सा शिक्षा विभाग के आदेश द्वारा 13 जून  को विभिन्न जन्मजात आर्थोपेडिक विकारों और बाल चोटों से पीड़ित बच्चों को गुणवत्ता परक और विशेष उपचार प्रदान करने हेतु निर्मित किया गया है। यह उल्लेखनीय है कि स्वतंत्र विभाग के अंतर्गत इन बच्चों को उच्च विशिष्टता वाला उपचार एम्स दिल्ली और अन्य बड़े सरकारी अस्पातलों में भी उपलब्ध नही है। 15 जून से पीडियाट्रिक ऑर्थोपेडिक की दो अतिरिक्त विशेष ओपीडी प्रारंभ हो गई है। इस ओपीडी मे पीडियाट्रिक ऑर्थोपेडिक रोगियों को हर मंगलवार और शुक्रवार देखा जाएगा। बुधवार से विशेष पीडियट्रिक पुनर्वास ओपीडी का संचालन भी शुरू हो जाएगा एवं 3-4 महीनों के भीतर संकाय सदस्यों एवं वरिष्ठ चिकित्सको की नियुक्ति के पश्चात 30 बिस्तरों का विभाग जल्द ही जरूरत मंद पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक रोगियो हेतु संचालित होने लगेगा। नये स्वतंत्र विभाग के स्थापना के साथ ही पीडियाट्रिक अर्थोपेडिक में 2 एम सी एच कोर्स का संचालन भी हो सकेगा। अभी वर्तमान में 02 पीडियाट्रिक आर्थो फेलोशिप सफलतापूर्वक चल रहा है।

 

उपरोक्त विशिष्टता के अलावा उच्च विशिष्टता वाले स्पोर्ट्स मेडिसिन विभाग के वाह्यरोगी विभाग का संचालन सप्ताह में दो दिन सोमवार एवं बृहस्पतिवार को किया जायेगा। जो प्रातः 09 से 01 बजे तक संचालित होगा। इस नये विभाग की ओपीडी के संचालन से प्रदेश की जनता एवं खिलाड़ियों को विशेष कर उनको लगने वाली चोटों जैसे लिगामेन्ट इंजरी एवं आर्थोस्कोपी, विभिन्न जोड़ो के प्रत्यारोपण इत्यादि की सुविधा के साथ-साथ उनकी शारीरिक क्षमताओं के आंकलन एवं उत्कृष्ट मशीनों द्वारा स्टेट ऑफ़ आर्ट फिजियोथेरेपी एवं कसरत की सुविधा प्राप्त हो सकेगी। जिससे मरीजो का उच्च कोटि  का उपचार हो सकेगा एवं वो जल्द से जल्द स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकेंगे। अभी तक इसके उपचार के लिए सम्पूर्ण उत्तर भारत के खिलाड़ियो एवं जनता को दिल्ली या अन्य स्थानो पर जाना पड़ता था।

 

वर्ष 2017 में युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, केन्द्र सरकार द्वारा केजीएमयू को देश के पांच चुने गये चिकित्सा संस्थानों में से चुना गया था एवं 12.5 करोड़ रूपये की घनराशि पांच वर्षे में स्वीकृत की गई। जिसके उपयोग से शताब्दी फेज-2 अस्पताल में प्रो0 आशीष कुमार के नेतृत्व मे स्पोर्ट्स मेडिसिन विभाग की स्थापना की जा चुकी है। विभाग द्वारा स्पोट्स मेडिसिन में एम0डी0 एवं डिप्लोमा पाठ्यक्रम का संचालन करने हेतु एम0सी0आई0 से स्वीकृति प्राप्त करने की प्रक्रिया भी चल रही है। वर्तमान मे पूरे देश में मात्र चार स्थानों पर पर स्पोट्र्स मेडिसिन विभाग का यह पाठ्यक्रम चल रहा है। उपरोक्त स्पोर्ट्स मेडिसिन विभाग उत्तर प्रदेश का ही नही वरन् पूरे उत्तर भारत का पहला विभाग है।

 

उपरोक्त कार्यक्रम में श्री राजश कुमार राय, कुलसचिव, मो0 जमा, वित्त अधिकरी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो0 एस0एन0 संखवार, प्रो0 जी0के0 सिंह, विभागाध्यक्ष, ऑर्थोपेडिक सर्जरी विभाग, प्रो0 सिद्धार्थ दास, विभागाध्यक्ष गठिया रोग विभाग, प्रो0 विनीत शर्मा, कर्नल डा0 के0एम0 लाल इत्यादि उपस्थित रहे।

 

 

 

 

 

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