चाचा को जेल से पैरोल पर बाहर लाने और मुकदमे वापस लेने की मांग
प्रशासन परिजनों को मनाने में जुटा, परिजनों ने कहा जब तक मांग नहीं मानी जायेगी, नहीं हटेंगे

लखनऊ। गंभीर रूप से घायल उन्नाव रेप पीडि़ता और उसके वकील का केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में इलाज चल रहा है। इस बीच एक नया मोड़ आया है, पीडि़ता का परिवार बच्चों के साथ ट्रॉमा सेंटर में ही धरने पर बैठ गया है, उनका कहना है कि जेल में पीडि़ता के चाचा को पैरोल पर बाहर लाने और उन लगाये गय आरोपों को वापस लिया जाये।
इस नये कदम के बाद प्रशासन में हड़कम्प मचा हुआ है, प्रशासन के लोग धरने पर बैठे परिजनों को मनाने में लगे हुए हैं लेकिन परिवार के सदस्यों का साफ कहना है कि चाचा महेन्द्र सिंह जब तक यहां नहीं आ जायेंगे, हम अपना धरना समाप्त नहीं करेंगे।
ज्ञात हो उन्नाव रेप कांड में पीडि़ता और उसका वकील दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के बाद केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती हैं। इस सड़क हादसे में पीड़िता की चाची और मौसी की मौत होने के बाद हादसे को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के रेप कांड के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ हत्या और हत्या की साजिश का केस दर्ज सोमवार को किया जा चुका है।
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विधायक के खिलाफ एफआईआर पीड़िता के चाचा ने दर्ज कराई है। पीड़िता के चाचा फिलहाल रायबरेली की जिला जेल में कैद हैं. इस एफआईआर में विधायक कुलदीप सिंह, उनके भाई मनोज सेंगर भी नामजद हैं। इस मामले में 10 नामजद और 15-20 अन्य अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज है। आईपीसी की 302, 307, 506 120B की धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है। उत्तर प्रदेश सरकार ने भी इस दुर्घटना को लेकर सीबीआई जांच की सिफारिश का फैसला लिया है।

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