Saturday , October 14 2023

कोविड मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्‍टरों के परिवारों पर संक्रमण का गहरा खतरा

-रुकने, खाने-पीने की व्‍यवस्‍था का शासनादेश भी है, धनराशि भी है तो सुविधा क्‍यों नहीं मिल रही

फ्रंटलाइन पर लड़ रहे चिकित्‍सकों के ड्यूटी के दिनों में भी घर से आने-जाने को मजबूर

-प्रांतीय चिकित्‍सा सेवा संघ ने महानिदेशक को पत्र लिखकर जताया अपना आक्रोश

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। कोविड संक्रमण की रोकथाम तथा उपचार में लगे प्रांतीय चिकित्‍सा सेवा संवर्ग के चिकित्सकों को ड्यूटी के दिनों में आवासीय सुविधा (मय लॉन्ड्री एवं भोजन) नहीं मिल रही है। इसका नतीजा यह है कि ये चिकित्‍सक घर से आना-जाना कर रहे हैं, ऐसे में संक्रमण का बड़ा खतरा मंडरा रहा है। इस स्थिति को लेकर प्रांतीय चिकित्‍सा सेवा संघ ने महानिदेशक को पत्र लिखकर आवश्‍यक कार्यवाही करने की मांग करते हुए अपना रोष जताया है।

संघ के अध्‍यक्ष डॉ सचिन वैश्‍य व महासचिव डॉ अमित सिंह ने महानिदेशक को लिखे पत्र में कहा है कि चिकित्‍सक संवर्ग के लिए अपर मुख्य सचिव,चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण,उत्तर प्रदेश का आदेश निर्गत किये जाने के उपरांत भी हमारे संवर्ग के चिकित्सकों को ये सुविधा प्राप्त नहीं हो रही है एवं इन सुविधाओं से वंचित होने की दशा में ये चिकित्सक अपने-अपने आवासों से ही चिकित्सालयों में आकर अपनी सेवाएं देने को तथा डयूटी के उपरांत अपने परिवार के साथ रहने को बाध्य हैं।

पत्र में कहा गया है कि स्थिति संक्रमण फैलने के लिए अत्यंत ही अनुकूल स्थितियां उत्पन्न कर रही हैं। वर्तमान में बहुत सारे चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ तथा उनके परिवार के बहुत सारे सदस्य संक्रमित हो चुके हैं तथा अनेकों शहीद हो चुके हैं। निकट भविष्य के लिए ये स्थिति अत्यंत निराशाजनक एवं हतोत्‍साहित करने वाली है। इसका परिणाम कितना आत्मघाती होगा, स्वतः ही आकलन किया जा सकता है। बिना पर्याप्‍त संख्या एवं टूटे मनोबल से इस महामारी को नियंत्रित करना तथा अमूल्य मानव जीवन को बचाने का कार्य कैसे संभव होगा, इस पर विचार करना अति आवश्यक है। चिकित्सकों के हित में शासनादेश निर्गत होने के पश्चात तथा इस हेतु आवश्यक धनराशि के अवमुक्त होने के बाद भी चिकित्सकों हेतु प्रयाप्त व्यवस्था क्यों नही हो पा रही है,यह अत्यंत गंभीर लापरवाही तथा शासनादेश के विपरीत एवं किसी भी परिस्थिति में  तर्कसंगत नहीं है।

पत्र में लिखा है कि प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ, उत्तर प्रदेश इस व्यवस्था के न होने पर अपना कड़ा रोष व्यक्त करता है और अनुरोध करता है, कि इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए संबंधित अधिकारियों को जिलावार समीक्षा करने के लिए आदेशित करने तथा दोषी अधिकारियों के लिए महामारी अधिनियम में उपस्थित आवश्यक प्राविधानों के अनुरूप आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए उच्च एवं उच्चतम स्तर पर अवगत कराने का कष्ट करें।