-हैनिमैन एजुकेशनल एंड डेवलपमेंट सोसाइटी के तत्वावधान में दो दिवसीय होम्योपैथिक कॉन्फ्रेंस शुरू
सेहत टाइम्स
लखनऊ। होम्योपैथिक के क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने वाले चिकित्सकों, शिक्षकों को प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित करने के साथ आज 5 नवम्बर से यहां स्थानीय गन्ना संस्थान में हैनिमैन एजुकेशनल एंड डेवलपमेंट सोसाइटी के तत्वावधान में ऑटो इम्यून डिजीजेस थीम पर आधारित आठवें दो दिवसीय राष्ट्रीय होम्योपैथिक कॉन्फ्रेंस की शुरुआत हुई। पुरस्कार प्राप्त करने वालों में जो पुरोधा शामिल हैं उनमें डॉ पीसी श्रीवास्तव को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड, शोध के क्षेत्र में कार्य करने के लिए डॉ गिरीश गुप्ता को होम्योपैथिक साइंटिफिक इनोवेशन अवॉर्ड और बेस्ट टीचर अवॉर्ड से प्रो दिलीप सोनकर को सम्मानित किया गया।
इनके अलावा आज मंच पर जिन अन्य चिकित्सकों को विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया गया उनमें डॉ निशांत श्रीवास्तव, डॉ आरके सिंह, डॉ एचएस गुप्ता कानपुर, डॉ एमपी सिंह गोरखपुर, डॉ कुलदीप शर्मा, डॉ दानिश, डॉ सुशील वत्स दिल्ली, डॉ शशिबाला, डॉ आरके भाटिया वाराणसी, डॉ मेराज अंसारी, डॉ पंकज श्रीवास्तव, डॉ अरविन्द गौतम, प्रो बीएन सिंह, डॉ भक्त वत्सल शामिल हैं।
सेमिनार से क्या मिला इस पर होना चाहिये विचार : साकेन्द्र प्रताप वर्मा
उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए सदस्य विधानसभा सचेतक विधानमंडल भाजपा साकेन्द्र प्रताप वर्मा ने अपने सम्बोधन में कहा कि सेमिनार का आयोजन किया जाना बहुत अच्छी बात है, उन्होंने कहा कि इन सेमिनारों में बहुत सी उपलब्धियों, नयी-नयी रिसर्च पर चर्चा होती है, ऐसे में मेरा यह सुझाव है कि अगले साल होने वाली कॉन्फ्रेंस मे पिछले साल हुई कॉन्फ्रेंस के आउटपुट से समाज को कितना लाभ हुआ, इस पर भी चर्चा की जानी चाहिये।
उन्होंने कहा कि व्यक्ति के ऑटो इम्यून सिस्टम पर चर्चा करने के साथ होम्योपैथी की इम्युनिटी यानी होम्योपैथी के प्रचार-प्रसार बढ़ाने पर भी विचार करना चाहिये अगर हम स्वयं विचार नहीं करेंगे तो होम्योपैथी विधा की इम्युनिटी कमजोर हो जायेगी यानी होम्योपैथी को बढ़ावा नहीं मिल सकेगा, उन्होंने कहा कि आज जहां भी रहें, होम्योपैथिक का प्रचार-प्रसार करें क्योंकि आजकल तो सेल्फ प्रमोशन का जमाना है। उन्होंने कहा कि भारत में ज्ञान का असीम भंडार है, इसीलिए दुनिया भर के देशों में हर क्षेत्र में भारत का व्यक्ति मौजूद है, उन्होंने कहा कि जब भारत वर्ष के लोगों के पास इतना ज्ञान है तो समाज की भलाई के लिए इसका इस्तेमाल अवश्य किया जाना चाहिये।
मेडिकल क्षेत्र के प्रदूषण को भी दूर करना जरूरी : मुकुट बिहारी वर्मा
विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए पूर्व मंत्री भाजपा के वरिष्ठ नेता मुकुट बिहारी वर्मा ने कहा कि वर्तमान समय में प्रदूषण की बड़ी समस्या है, लेकिन प्रदूषण की समस्या सिर्फ वायु में ही नहीं है, मेडिकल क्षेत्र इसके सिस्टम में भी है, क्योंकि अगर आज एलोपैथी डॉक्टर को दिखाने जाइये तो सबसे पहले वह आवश्यक और अनावश्यक जांचें कराने को कहते हैं। उन्होंने कहा कि दवाओं के क्षेत्र में भी प्रदूषण है, जब अखबारों में जब दवाओं की खराब क्वालिटी की खबरों को पढ़ता हूं तो लगता है कि मेडिकल क्षेत्र के इस प्रदूषण को होम्योपैथी चिकित्सक और होम्योपैथिक दवाएं समाप्त कर सकते हैं, क्योंकि जब आप होम्योपैथिक चिकित्सक के पास पहुंचते हैं तो वह रोगी को सीधे जांचें कराने नहीं भेजता है, आपसे लक्षण के बारे में जानकारी लेता है, और इन लक्षणों को जानकार एक जांच वह स्वयं कर लेता है और दवा दे देता है।
इससे पूर्व समारोह का संचालन करते हुए डॉ पंकज श्रीवास्तव ने शायराना अंदाज में बोलते हुए कहा कि मैं होम्योपैथिक में कुछ खास करने की तमन्ना लेकर आया था। एक शेर के माध्यम से उन्होंने कहा कि …कुछ कर गुजरने की तमन्ना अपने दिल में रखते हैं हम, साथ चाहिये आपका इन मुश्किल और कठिन राहों में। उन्होंने कहा कि उनकी इस कठिन और मुश्किल राहों में डॉ गिरीश गुप्ता, डॉ नरेश अरोरा का साथ मिला और जो कामना की थी, वह मिली।
डॉ अनुरुद्ध वर्मा को समर्पित कॉन्फ्रेंस
डॉ पंकज ने बताया कि इस बार की यह कॉन्फ्रेंस होम्योपैथिक को बढ़ावा देने के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले डॉ अनुरुद्ध वर्मा की याद में समर्पित किया गया है। इस मौके पर जब मंच पर डॉ अनुरुद्ध वर्मा की पत्नी रूपरानी वर्मा को बुलाकर सम्मानित किया गया तो वहां माहौल गमगीन हो गया। डॉ भक्त वत्सल ने डॉ अनुरुद्ध वर्मा को याद करते हुए कहा कि मेरे होम्योपैथिक जीवन यात्रा में उनका बड़ा स्थान था। उन्होंने अपनी भावनाओं को एक शेर के माध्यम से व्यक्त करते हुए कहा…बड़े गौर से सुन रहा था जमाना, तुम्हीं सो गये दास्तां कहते-कहते…।
इस मौके पर समारोह की स्मारिका और डॉ पीसी श्रीवास्तव की पुस्तक का विमोचन भी हुआ। समारोह में पूर्व निदेशक प्रो बीएन सिंह, आयोजन अध्यक्ष डॉ शिब्ली मजहर, संयुक्त निदेशक होम्योपैथी डॉ सुचेन्द्र, आयोजन सचिव डॉ आशीष वर्मा, डॉ राजेश शर्मा, डॉ नवाज, डॉ राजेन्द्र सहित अनेक चिकित्सक उपस्थित रहे।