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ठहरिये, क्‍या आप जानते हैं कि किस रंग में क्‍या मिला हो सकता है ?

सुरक्षित होली खेलने पर जोर, रंगों के पर्व को बेरंग मत बनायें

लखनऊ। रंगों के त्योहार होली की बहार है। हर तरफ उल्लास का वातावरण है। बाजारें,रंगों, गुलाल एवं खाने- पीने की चीजों से सजे हैं। होली में खूब रंग खेले, खूब गुलाल उड़ायें परन्तु बाजार में सजे केमिकल वाले रंगो से बचें क्योंकि यह रंग आपकी होली की बेरंग कर सकते है। इसीलिए कुछ सावधानियाँ अपनाकर होली मनाएं जिससे होली का रंग बेरंग ना हो और होली की खुशियाँ बरकरार रहे।

 

डॉ अनुरुद्ध वर्मा

इस बारे में वरिष्‍ठ होम्‍योपैथिक चिकित्‍सक डॉ अनुरुद्ध वर्मा का कहना है कि होली में हर व्यक्ति एक-दूसरे  को रंग लगाकर अपनी आत्मीयता  का इजहार करता है परन्तु उसे यह नहीं मालूम कि जो रंग वह लगा रहा है वह रासायनिक रंग है जिससे त्वचा को नुकसान पहुँच सकता है, श्वास एवं एलर्जी की बीमारी हो सकती है। बाजार में बिकने वाले हरे रंग में तांबा, काले रंग में नाइट्रेट ऑक्साइड, परपिल रंग में क्रोमाइड, सिल्वर कलर में एल्युमिनियम ब्रोमाइड, लाल रंग में मरकरी सल्फेट रसायनों का प्रयोग होता है। ये सभी रासायनिक रंग त्वचा पर जलन, खुजली, दाने, एलर्जी, श्वास की तकलीफ उत्पन्न कर सकते हैं जो आपकी होली को बदरंग कर सकते है इसलिए रंग खेलने में प्राकृतिक रंगों का प्रयोग ही करना चाहिए। होली में खेले जाने वाले रंग यदि आंख में पड़ जाये तो आंख में जलन, खुजली, लाली, दर्द आदि हो सकता है, इसलिये किसी भी स्थिति में आंख में रंग नहीं पड़ना चाहिए।

 

डॉ वर्मा का कहना है कि होली में गुलाल भी खूब उड़ाया जाता है। बाजार में मिल रहे गुलाल में अवरक का इस्तेमाल होता है। इसमें बालू तथा अन्य रसायन पड़े रहते हैं। इससे दमा का प्रकोप हो सकता है, त्वचा में जलन, खुजली की समस्या हो सकती है। त्वचा खुरदरी हो सकती है इसलिए हर्बल गुलाल का प्रयोग करना चाहिए रंग के स्थान पर पेंट, तारकोल, कीचड़ आदि का प्रयोग बिल्कुल न करें इससे त्वचा बदरंग हो सकती है। रंग खेलने से पहले शरीर पर तेल अवश्य लगा लें। रंग खेलते समय इन बातों पर जरूर ध्यान देना चाहिए।

 

–    रंग छुड़ाने के लिए उबटन का प्रयोग करना चाहिए रंग छुड़ाने के लिए बार-बार साबुन न रगड़ें।

–    यदि त्वचा में खुजली के साथ पानी निकले तो साफ पानी से धोयें।

–    यदि आंख मं रंग पड़ जाये तो रगड़े नहीं बल्कि साफ पानी से धोएं।

–    रंग खेलते समय शरीर पर टोपी जरूर लगाएं। पूरी आस्तीन के कपड़े पहने।

–    गीले आस्तीन के कपड़े ज्यादा देर ना पहनें।

 

डॉ अनुरुद्ध वर्मा ने कहा कि होली के पर्व पर बाजार में रंग-बिरंगी मिठाइयों, अन्य खाने की चीजों जैसे खोया, दूध पनीर में मिलावट का खतरा हो सकता है। इनमें रासायनिक तत्वों पेंट, यूरिया, डिटरजेंट, मिलावटी तेल, मिला रहता है जिससे पीलिया, पेट में जलन, संक्रमण, दस्त, उल्टी, गैस, दर्द आदि की गंभीर समस्याएं हो सकती हैं इसलिए खाने-पीने की चीजें जांच-परखकर ही खरीदें। बाजार के बजाय घर की बनी चीजों का प्रयोग करें, ड्राई फ्रूट का ज्यादा इस्तेमाल करें इससे सुरक्षित होली मनाई जा सकती है।

 

उन्‍होंने कहा कि होली में शराब का नशा बहुत आम है। लोग भांग पीकर होली मनाते हैं। इस उल्लास पूर्ण होली के पर्व को नशे का सेवन बेमजा कर सकता है। उन्‍होंने कहा कि इस प्रकार कुछ सावधानियां अपनाकर सुरक्षित होली मनायी जा सकती है।

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