अनेक बार शिकायत के बाद भी नगर निगम ने नहीं किया समाधान, ऑनलाइन रिकॉर्ड में झूठा निपटारा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के निवासी इन दिनों जहरीली हवा और डेंगू की दोहरी मार झेल रहे हैं, अस्पतालों की ओपीडी बुखार के मरीजों से पटी हुई हैं, तो निजी अस्पतालों और क्लीनिक्स पर भी मरीजों की आवाजाही भी कम नहीं है। संक्रामक रोगों के मुहाने पर बैठी जनता की सुध लेने की जो जिम्मेदारी नगर निगम की है, उस जिम्मेदारी का निर्वहन करने में नगर निगम विफल साबित हो रहा है। खाली प्लाटों में लगे कूड़े के ढेरों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। नागरिकों द्वारा कई-कई बार ऑनलाइन शिकायतें दर्ज कराने के बावजूद काम तो होता नहीं है, बल्कि ऑनलाइन यह जरूर लिख कर आ जाता है कि काम हो गया।
इंदिरानगर स्थित तकरोही के ओमनगर का कुछ यही हाल है, यहां खाली पड़े प्लॉट्स में लोग कूड़ा डालते रहते हैं जिनकी वजह से आवारा पशु घूमते रहते हैं, यहां के निवासी राहुल बताते हैं कि अनेक बार नगर निगम की वेबसाइट पर शिकायत दर्ज करायी लेकिन अभी तक सफाई करने के लिए कोई नहीं आया। उन्होंने बताया कि हैरानी तो इस बात की है कि शिकायत के बाद जब स्टेटस देखा जाता है तो उसमें दिखता है आदमी गया…काम हो गया… लेकिन असलियत यह है कि न तो कोई सफाई कर्मी आता है और न ही अब तक सफाई नहीं हो सकी है।
आपको बता दें कि क्षेत्र में डेंगू का मामला भी सामने आया है तथा इस सिलसिले में शनिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी की टीम ने क्षेत्र का दौरा किया है, इस टीम को भी स्थानीय निवासियों ने कूड़ा दिखाकर सफाई करवाने का अनुरोध किया है। ज्ञात हो राजधानी लखनऊ डेंगू की चपेट में हैं, पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा डेंगू के 1467 मामले लखनऊ में ही पाये गये हैं, जबकि पूरे प्रदेश में 5724 केस मिले हैं, इनमें 9 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। यह आंकड़ा 1 नवम्बर तक का है, जिसे स्वयं प्रदेश के चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जय प्रताप सिंह ने पत्रकारों के समक्ष रखा था।
इन निवासियों ने महापौर से भी अपील की है कि हम लोग संक्रामक रोग होने के डर से घबराये हुए हैं, अगर कूड़ा समय रहते नहीं हटाया गया तो क्षेत्र तरह-तरह की बीमारियों की चपेट में आ सकता है।

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