-सरकारी या निजी चिकित्सालय से भेजे नमूने की जांच दो हजार रुपये में

सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने निजी क्षेत्र की प्रयोगशालाओं में कोरोना वायरस के संक्रमण की एकल चरण की जांच के लिए अधिकतम राशि ₹2500 रुपये निर्धारित कर दी है, इस निर्धारित राशि से ज्यादा धनराशि अगर किसी लैब ने वसूली तो एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1897 एवं उत्तर प्रदेश महामारी कोविड-19 की नियमावली 2020 के संगत प्रावधानों के तहत कार्यवाही होगी।
इस आशय की जानकारी सूचना विभागीय अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने कार्यालय ज्ञाप में दी गयी है। इसमें कहा गया है की निजी क्षेत्र की प्रयोगशालाओं को गुणवत्ता ऑडिट के लिए मांगे जाने पर नमूनों को चिकित्सा महाविद्यालय की रेफरल प्रयोगशाला के लिए उपलब्ध कराना होगा। इसके साथ ही परीक्षण के पश्चात आईसीएमआर के पोर्टल पर रिपोर्ट दर्ज करने के अतिरिक्त संबंधित जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं स्टेट संविदा अधिकारी को रिपोर्ट की एक प्रति उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा।
ज्ञाप में यह स्पष्ट किया गया है कि ₹2500 की व्यवस्था केवल ऐसे रोगियों की कोविड-19 जांच के लिए निर्धारित की गई है जो राज्य सरकार के वित्त पदाधिकारी द्वारा निजी क्षेत्र की प्रयोगशालाओं को संदर्भित किए जाएंगे। लेकिन अगर सरकारी या निजी चिकित्सालय द्वारा निजी प्रयोगशालाओं को सैम्पल प्रेषित किया गया तो उसकी दर 2000 रुपये होगी।

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