Wednesday , October 11 2023

मुख्यमंत्री जी, शिक्षकों के मौन के पीछे छिपे दर्द को समझिये, मदद कीजिये

-उत्‍तर प्रदेश माध्‍यमिक शिक्षक संघ ने वित्‍तविहीन शिक्षकों को आर्थिक राह‍त देने की मांग को लेकर लिखा मुख्‍यमंत्री को पत्र

डॉ महेंद्र नाथ राय

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ को पत्र लिखकर कोविड-19 महामारी को लेकर उत्‍पन्‍न परिस्थितियों के बीच वित्‍तविहीन शिक्षकों व कर्मचारियों को वेतन न मिलने के परिणामस्‍वरूप उन्‍हें दयनीय स्थिति से उबारने के लिए सरकार द्वारा आर्थिक राहत दिये जाने की मांग की है।

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय मंत्री एवं प्रवक्ता डॉ महेंद्र नाथ राय ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि प्राथमिक से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक के शिक्षकों एवं कर्मचारियों की आर्थिक दशा वेतन न मिलने के बाद खराब हो रही है। उन्‍होंने लिखा है कि लॉकडाउन  के चलते स्थिति ऐसी हो गई है सरकार के आदेश के बाद वित्तविहीन विद्यालयों के प्रबंधक विद्यार्थियों से फीस ले नहीं पाए हैं, जिसका नतीजा यह है कि वे अपने शिक्षकों व कर्मचारियों को वेतन भी नहीं दे पाये। पत्र में उन्होंने लिखा है कि शिक्षक नौकरी खोने के डर से प्रबंधकों द्वारा वेतन न दिए जाने के विरोध में आवाज भी नहीं उठा पा रहा है।

डॉ राय ने पत्र में लिखा है कि नोवल कोरोना वायरस कोविड-19 की महामारी में सरकार सभी वर्गों का ध्यान दे रही है, मजदूरों, किसानों को राहत देने के बाद अधिवक्ताओं को भी 5000 रुपये देने की घोषणा सरकार के मंत्री द्वारा की जा चुकी है, लेकिन सरकार वित्‍तविहीन व्यवस्था में कार्यरत शिक्षकों एवं कर्मचारियों की आर्थिक दशा पर ध्यान नहीं दे रही है।

उन्होंने कहा है कि प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों के वित्तविहीन शिक्षकों की तरह ही निजी इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, फार्मेसी कॉलेज, पॉलिटेक्निक कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, प्रबंधन कॉलेज, आईटीआई कॉलेज, निजी विश्वविद्यालय एवं निजी डिग्री कॉलेज, शिक्षा प्रदान करने वाली विभिन्न संस्थाओं के शिक्षकों एवं कर्मचारियों की आर्थिक दशा अत्यंत दयनीय हो गई है। अपने पत्र में उन्‍होंने लिखा है कि इस समय संस्थाओं में प्रवेश का कार्य होता है जिससे प्रबंधन के पास पैसा आता है और उससे इन शिक्षकों को एवं कर्मचारियों को बकाया वेतन मिल जाता था, परंतु इस समय लॉकडाउन के कारण सारे कार्य बंद हैं और अभी यह निश्चित भी नहीं है ऐसा कब तक चलेगा।

इस समय इन संस्थाओं में पढ़ाने वाले शिक्षक एवं कर्मचारी भुखमरी के करीब पहुंच चुके हैं, उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की है कि शिक्षकों, कर्मचारियों को तत्काल सरकार की तरफ से आर्थिक राहत प्रदान करें जिससे इनको किसी के सामने हाथ फैलाने की नौबत ना आए।